एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता, ने चालू वित्त वर्ष (एफवाई26) की दूसरी तिमाही (क्यू2) के लिए शनिवार, 4 अक्टूबर को अपना अनंतिम व्यावसायिक अपडेट जारी किया। इन आंकड़ों से जमा राशि जुटाने में भारी उछाल का पता चलता है, जिसने सकल अग्रिमों (ऋण) की वृद्धि को रणनीतिक रूप से पीछे छोड़ दिया। यह विलय के बाद बैंक के बैलेंस शीट को अनुकूलित करने पर लगातार ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है।
बैंक के आंकड़े बताते हैं कि जहां जमा और अग्रिम दोनों में स्वस्थ साल-दर-साल (YoY) वृद्धि बरकरार रही, वहीं जमा राशि में दोहरे अंकों की वृद्धि ने बैंक की फंडिंग आधार को मजबूत करने की रणनीतिक प्राथमिकता को रेखांकित किया।
पृष्ठभूमि: विलय की अनिवार्यता
बैंक के त्रैमासिक प्रदर्शन का विश्लेषण लगातार हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) लिमिटेड के साथ इसके परिवर्तनकारी विलय के संदर्भ में किया जाता है, जो जुलाई 2023 में प्रभावी हुआ था। विलय ने बैंक के ऋण पुस्तिका (लोन बुक) को काफी बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप क्रेडिट-टू-डिपॉजिट (सीडी) अनुपात बढ़ गया। तब से, बैंक का केंद्रीय उद्देश्य अपने सीडी अनुपात को आरामदायक स्तर पर लाने के लिए अपनी जमा राशि के आधार को तेज़ी से बढ़ाना रहा है, जिससे उसके विशाल परिचालन के लिए स्थायी, कम लागत वाली फंडिंग सुनिश्चित हो सके।
मज़बूत जमा जुटाव ने रणनीति की पुष्टि की
जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान, बैंक की औसत जमा राशि ₹27.10 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले साल इसी तिमाही में दर्ज ₹23.54 लाख करोड़ की तुलना में 15.1% की पर्याप्त वृद्धि है। क्रमिक रूप से, पिछली तिमाही (Q1 FY26) के ₹26.58 लाख करोड़ से जमा आधार में की स्थिर वृद्धि देखी गई।
कम लागत वाले फंडिंग सेगमेंट पर करीब से नज़र डालने से पता चलता है कि औसत चालू खाता बचत खाता (सीएएसए) जमा 8.5% YoY बढ़कर ₹8.77 लाख करोड़ हो गया। क्रमिक रूप से, सीएएसए में वृद्धि रही। हालांकि सीएएसए की वृद्धि स्थिर थी, समग्र जमा उछाल इंगित करता है कि बैंक ने सफलतापूर्वक उच्च मात्रा में सावधि जमा (टाइम डिपॉज़िट) जुटाए, जो एक तंग तरलता वातावरण में एक सामान्य प्रवृत्ति है। इसके अलावा, तिमाही-समाप्ति पर सीएएसए जमा में की YoY वृद्धि दर्ज की गई, जो ₹9.49 लाख करोड़ तक पहुंच गई।
अग्रिम वृद्धि सुसंगत बनी हुई है
सितंबर तिमाही के लिए एचडीएफसी बैंक के सकल अग्रिम (ऋण) ₹27.69 लाख करोड़ रहे, जो एक साल पहले के ₹25.19 लाख करोड़ से 9.9% की मजबूत वृद्धि दर्शाते हैं। तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर, अग्रिमों में जून तिमाही के ₹26.53 लाख करोड़ से की वृद्धि हुई।
लगभग दो अंकों की वृद्धि के बावजूद, अग्रिमों की वृद्धि जानबूझकर जमा वृद्धि दर () की तुलना में संतुलित रखी गई है। यह धीमी गति बैंक के सीडी अनुपात को प्रबंधित करने के घोषित लक्ष्य के अनुरूप है, भले ही इसका मतलब अस्थायी रूप से कुछ उच्च-मात्रा वाले कॉर्पोरेट ऋण खंडों का त्याग करना हो।
बैंक की चल रही रणनीति पर टिप्पणी करते हुए, श्री अनंत गोडबोले, एक अनुभवी मुंबई-स्थित बैंकिंग विश्लेषक, ने एकीकरण प्रक्रिया की परिपक्वता पर ध्यान दिया। गोडबोले ने कहा, “क्यू2 के आंकड़े पुष्टि करते हैं कि एचडीएफसी बैंक अपनी रणनीति को पूरी तरह से क्रियान्वित कर रहा है। जमा में मज़बूत दोहरे अंकों की वृद्धि बैंक के शक्तिशाली फ्रैंचाइज़ी मूल्य और अल्पकालिक ऋण पुस्तिका वृद्धि पर दीर्घकालिक फंडिंग स्थिरता को प्राथमिकता देने की उसकी रणनीतिक प्राथमिकता की पुष्टि करती है।” उन्होंने आगे कहा, “जमा जुटाने को अग्रिमों से आगे निकलने की अनुमति देकर, वे व्यवस्थित रूप से अपने बैलेंस शीट संरचना को सामान्य कर रहे हैं, जो विलय के बाद लचीलेपन और भविष्य की उच्च-गुणवत्ता वाली वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।”
एयूएम और स्टॉक प्रदर्शन
बैंक की औसत प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) में भी विस्तार परिलक्षित हुआ, जो जुलाई-सितंबर की अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में बढ़कर ₹27.95 लाख करोड़ हो गया। क्रमिक रूप से, एयूएम में की वृद्धि हुई।
बाज़ार की प्रतिक्रिया के संदर्भ में, एचडीएफसी बैंक के शेयर पिछले कारोबारी सत्र में मामूली गिरावट के साथ ₹963.7 प्रति शेयर पर बंद हुए, जो की गिरावट है। दैनिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, स्टॉक ने साल-दर-तारीख का लाभ दर्ज किया है, जो विलय की गई इकाई की दीर्घकालिक संभावनाओं में अंतर्निहित निवेशक विश्वास को दर्शाता है। बैंक इस महीने के अंत में Q2 FY26 के लिए अपने विस्तृत वित्तीय परिणाम घोषित करने वाला है।