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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए नियम से SBI कार्ड्स के स्टॉक में तेज़ी

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भारतीय स्टेट बैंक कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज के शेयरों में बुधवार, 8 अक्टूबर को महत्वपूर्ण उछाल दर्ज किया गया, जिससे यह 2.5 प्रतिशत बढ़कर ₹927 प्रति शेयर पर बंद हुआ। यह उछाल मुख्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा प्रस्तावित क्रेडिट लॉस प्रॉविजनिंग के नए फ्रेमवर्क और प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों के सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण आया, जो 14 जुलाई के बाद से स्टॉक का उच्चतम स्तर है।

यह आशावाद आरबीआई के कुछ ऋण श्रेणियों, विशेष रूप से आवास और क्रेडिट कार्डों पर जोखिम भारांक (Risk Weights) को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव से उपजा है। जोखिम भारांक यह निर्धारित करते हैं कि एक बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) को अपने परिसंपत्तियों के खिलाफ कितना पूंजी रखनी है, यह उस परिसंपत्ति के कथित जोखिम पर आधारित होता है।

जोखिम भारांक कटौती का प्रभाव

एसबीआई कार्ड्स के लिए मुख्य उत्प्रेरक क्रेडिट कार्ड प्राप्तियों के लिए जोखिम-भारित परिसंपत्तियों (RWA) में प्रस्तावित कमी थी, जो कथित तौर पर 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत होने वाली है। यह बदलाव एसबीआई कार्ड्स जैसी शुद्ध क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कंपनी के लिए अत्यधिक लाभदायक है।

ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने तेज़ी से इसके सकारात्मक निहितार्थों को उजागर किया। उनके विश्लेषण ने सुझाव दिया कि जोखिम भारांक में 75 प्रतिशत तक की कमी एक बड़ी सकारात्मक बात है, क्योंकि यह कंपनी के लिए “लगभग 450 आधार अंक पूंजी मुक्त” कर देगी। इस मुक्त हुई पूंजी को आगे के विकास के लिए तैनात किया जा सकता है, जिससे कंपनी को अपने ऋण पुस्तिका (loan book) का विस्तार करने या अधिक आकर्षक उत्पाद पेश करने की अनुमति मिल सकती है, जिससे लाभप्रदता बढ़ेगी।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी इस तेज़ी के रुख की पुष्टि की। फर्म का अनुमान है कि हालिया वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों के तर्करहितकरण के बाद कॉर्पोरेट और खुदरा खर्च में स्वस्थ वृद्धि होगी, जिससे आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। इसके अलावा, वे एसबीआई कार्ड्स की परिसंपत्ति गुणवत्ता में क्रमिक सुधार की उम्मीद करते हैं, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिरता में निवेशकों का विश्वास मज़बूत होगा।

स्टॉक प्रदर्शन और बाजार स्थिति

यह रैली स्टॉक के मज़बूत प्रदर्शन की अवधि को और बढ़ाती है। 2025 में अब तक, एसबीआई कार्ड्स के शेयरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इसी अवधि के दौरान निफ्टी फाइनेंशियल इंडेक्स की लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक है। यह स्टॉक वर्तमान में अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर ₹1,027 के करीब कारोबार कर रहा है, जो इसके 52-सप्ताह के निचले स्तर ₹659.8 से काफी ऊपर है, जो निरंतर बाजार रुचि को दर्शाता है। कंपनी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण ₹88,250 करोड़ है।

हालिया तेज़ी के बावजूद, एलएसईजी डेटा द्वारा संकलित, स्टॉक को कवर करने वाले 25 विश्लेषकों की औसत रेटिंग “होल्ड” बनी हुई है, जिसमें औसत मूल्य लक्ष्य ₹935 निर्धारित किया गया है। यह सतर्क औसत लक्ष्य बताता है कि जबकि आरबीआई का कदम एक मज़बूत प्रेरक है, निवेशक कार्यान्वयन और नए एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ECL) फ्रेमवर्क के पूर्ण प्रभाव पर अधिक स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

नियामक बदलाव के व्यापक संदर्भ को संबोधित करते हुए, मुंबई स्थित पूंजी बाजार विश्लेषक, श्री ए. के. शर्मा, ने सेक्टर के लचीलेपन पर टिप्पणी की। “आरबीआई स्पष्ट रूप से ईसीएल फ्रेमवर्क के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र में प्रॉविजनिंग मानदंडों को मानकीकृत करने पर केंद्रित है। एसबीआई कार्ड्स जैसे क्रेडिट कार्ड खिलाड़ियों के लिए, जोखिम भारांक में कमी एक सीधा पूंजी बूस्टर है, यही वजह है कि बाजार ने इतनी तेज़ी से प्रतिक्रिया दी। हालांकि, निवेशकों को बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है कि नए ईसीएल प्रॉविजनिंग नियम, जिनके तहत बैंकों को वर्तमान चूक के बजाय अपेक्षित भविष्य के नुकसान के आधार पर पूंजी अलग रखने की आवश्यकता होती है, अंततः लाभप्रदता मार्जिन को कैसे प्रभावित करेंगे,” उन्होंने प्रारंभिक पूंजी राहत से परे एक सूक्ष्म दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा।

हालिया वित्तीय परिणाम

बाजार में वर्तमान उत्साह कंपनी के जून तिमाही के प्रदर्शन में मामूली गिरावट के बावजूद आया है। 25 जुलाई को, एसबीआई कार्ड्स ने शुद्ध लाभ में 6.4 प्रतिशत की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की, जो तिमाही के लिए ₹556 करोड़ पर स्थिर रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही (Q1FY25) में ₹594 करोड़ था।

हालांकि, परिचालन मेट्रिक्स ने स्वस्थ अंतर्निहित वृद्धि का संकेत दिया। शुद्ध ब्याज आय (NII) में 13.8 प्रतिशत की मज़बूत वृद्धि देखी गई, जो ₹1,680 करोड़ तक पहुँच गई। कुल आय भी साल-दर-साल 12 प्रतिशत बढ़कर ₹5,035 करोड़ हो गई, जिसे ब्याज आय में 11 प्रतिशत की वृद्धि और शुल्क और कमीशन आय में 13 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ावा मिला, जो मज़बूत व्यावसायिक गति और उच्च कार्ड उपयोग मात्रा का संकेत देता है।

निरंतर खरीदारी की रुचि और अनुकूल नियामक वातावरण भारत के बढ़ते क्रेडिट कार्ड बाजार का लाभ उठाने की एसबीआई कार्ड्स की क्षमता में निवेशकों के मज़बूत विश्वास का संकेत देते हैं, जिससे एक सेक्टर लीडर के रूप में इसकी स्थिति मज़बूत होती है।

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