Lucknow Earthquake: लगातार चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन, 3 शव बरामद, 15 लोगों को निकाला सुरक्षित
भूकंप के बाद भरभराकर गिर गया था 5 मंजिला अलाया अपार्टमेंट

- रिपोर्टः मुस्तकीम मलिक
लखनऊ। यूपी के राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसमें लखनऊ के हजरतगंज के वजीर हसन रोड स्थित एक 5 मंजिला अलाया अपार्टमेंट भी भरभरा कर गिरा गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। 15 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जबकि कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी है।
मलबे में दब गए 50 से अधिक लोग
वजीर हसन रोड स्थित पांच मंजिला इमारत में करीब 16 फ्लैट बने हुए थे। इन सभी में परिवार रह रहे थे। करीब 6:15 बजे शाम को हुए हादसे में 50 से अधिक लोग दब गए। करीब आठ बजे रेस्क्यू ऑपरेशन यहां नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स (एनडीआरएफ) ने पुलिस और अग्निशमन विभाग के साथ शुरू किया।
घटना स्थल पर पहुंचे डिप्टी सीएम
शासन, प्रशासन, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों समेत खुद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा बचाव कार्य के लिए पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भूतल पर बनी पार्किंग में खोदाई कार्य चालू था। इसमें ड्रिलिंग बिल्डर की तरफ से कराई जा रही थी। जब हादसा हुआ। उस समय भी ड्रिलिंग होने की आवाजें लोगों ने सुनीं।
सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश
घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुरानी बिल्डिंग गिरने का संज्ञान लिया है। साथ ही सीएम ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। इसके साथ ही जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य पर कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ कई अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी
लखनऊ बिल्डिंग हादसे में से अब तक कुल 15 लोगों को बाहर निकला लिया गया है। प्रशासन की मानें तो 3 से 4 लोग अभी और दबे रहने की संभावना हैं। बताया जा रहा है कि एक-दो शख्स अभी मलबे के नीचे से आवाज भी लगा रहे हैं। ये ही वजह है कि फिलहाल जेसीबी मशीन के जरिए रेस्क्यू ना करके कटर के जरिए एनडीआरएफ की टीम मलबे को काटकर हटा रही है। बीती रात डॉक्टरों की टीम ने मलबे के नीचे ऑक्सीजन पहुंचाई थी। ताकि जो लोग मलबे के नीचे फंसे हुए है उन्हें सांस लेने में दिक्कत ना हो।