एमडी मध्यांचल पर लगा 10000 का जुर्माना, इस मामले में हुई कार्रवाई
विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई के लिए 19 दिसंबर को होगी पेशी

- रिपोर्टः ज्ञानेश वर्मा
लखनऊ। यूपीपीसीएल में कास्ट डाटा बुक के विपरीत सभी बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से लगभग 100 करोड से अधिक की वसूली के मामले में पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और केस्को कंपनी की सुनवाई विद्युत आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह और सदस्य डीके श्रीवास्तव की मौजूदगी में संपन्न हुई। इस सुनवाई में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से कोई भी अभियंता, अधिकारी, कर्मचारी बैठक में नहीं पहुंचा। इस पर विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्यांचल के प्रबंध निदेशक पर 10 हज़ार पेनाल्टी लगाते हुए 19 दिसंबर को कोर्ट में समस्त प्रपत्र को लेकर हाजिर होने के निर्देश दिए है
पूर्वांचल के मामले में आयोग ने कहा कि एक महीने में पूरी कार्रवाई कर ली जाए अन्यथा की स्थिति में पूर्वांचल के प्रबंध निदेशक को भी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पुनः तलब किया जाएगा। नियामक ने सभी बिजली कंपनियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा सही-सही उपभोक्ताओं से अधिक वसूली का हिसाब आयोग के सामने रख दे वरना समाचार पत्रों के माध्यम से विज्ञापन छपा कर उनके खिलाफ आयोग क्रिमिनल कार्रवाई शुरू करेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई शुरू होते ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने 197 उपभोक्ताओं से अधिक 24 लाख 84 हज़ार 588 की वसूली विद्युत उपभोक्ताओं को वापस कर दिए जाने की जानकारी दी और शेष विद्युत उपभोक्ताओं को वापसी का आश्वासन दिया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम अंतर्गत वसूली गई अधिक धनराशि में से अभी तक 11 लाख 95 हज़ार 723 की वापसी उपभोक्ताओं को की जा चुकी है और जिन उपभोक्ताओं को वापसी बाकी है उनकी छानबीन की जा रही है।
वही केस्को कंपनी की तरफ से वसूली गई अधिक धनराशि में से अभी तक 60 हज़ार की वापसी उपभोक्ताओं को की जा चुकी है पूर्वांचल ने जो आंकड़ा पेश किया वह भूल गए कि ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई है इसका लेखा-जोखा कहीं सामने नहीं आ रहा है।
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