मायके से 50 हजार नहीं लाने पर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति को 5 वर्ष की कैद
अदालत ने दोषी पर 5 हजार का ठोका जुर्माना

- रिपोर्टः एम रहमान वरिष्ठ पत्रकार (मुजफ्फरनगर)
मुजफ्फरनगर। जिले में 12 वर्ष पुराने मामले में पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पति को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषी पति को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
दरअसल 20 मई 2010 को शामली के कस्बा झिंझाना के मोहल्ला कानूनगो निवासी एक महिला ने अपने ऊपर केरोसिन तेल डालकर आग लगा ली थी। अगले दिन दिल्ली के एक अस्पताल में महिला की मौत हो गई थी। इससे पूर्व महिला ने बयान दिया था कि उसके पति पर कर्जा हो गया था जिस पर उसके पति ने मायके से 50 हजार रुपये लाने को कहा था। रुपये नहीं मिलने पर पति ने मरने की बात कही थी। इस बात से परेशान होकर उसने स्वयं को आग लगा ली थी। महिला की मौत के बाद उसके भाई मनोज ने झिंझाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेशमा चौधरी ने दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात मृतका के पति गौरी शंकर निवासी झिंझाना को दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में पांच गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने दोषी को 5 साल के कारावास की सजा और 5 हजार रुपये का अर्थदंड भी किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारवास का भी प्रावधान किया गया है.
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