मुजफ्फरनगर में युवक की मौत के बाद जागा पुलिस प्रशासन, राख माफिया को किया गिरफ्तार

फैक्ट्री की राख में झुलसने के बाद इलाज के दौरान हुई युवक की मौत

 
मुजफ्फरनगर

  • रिपोर्टः गोपी सैनी

मुज़फ्फरनगर। भोपा थाना इलाके के गांव नंगला गंग पटरी पर काली राख डालकर सिंचाई विभाग के बड़े भूभाग पर कब्ज़ा जमाने वाले माफिया की करतूत के कारण निर्धन परिवार के बेगुनाह युवक की जान चली गई है। युवक का ये ही गुनाह था कि वो गरीब परिवार से था। जो बीती 9 जुलाई को पालतू बकरी के लिए नहर किनारे पत्ते चुनने गया था। जहां वो राख में झुलस गया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत के बाद पुलिस ने अनन-फानन में राख माफिया इरशाद उर्फ भूरा के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल नहर किनारे पड़ी कैमिकल युक्त राख में धंस जाने से नबी नामक युवक झुलस गया था। जिसे गंभीर हालत में मेरठ ले जाया गया था। जहां उपचार के दौरान गुरुवार की देर शाम उसने दम तोड़ दिया। 22 वर्षीय मोहम्मद नबी की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को शुक्रवार की देर शाम गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। वहीं एसपी देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे मामले में जांच की जा रही है और जो भी इस मामले से जुड़े हुए लोग हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अब मोहम्मद नबी की मौत के बाद और कई युवकों के झुलसने के बाद यहां पर कई बड़े सवाल खड़े होते हैं। पर्यावरण सुरक्षा का ढंकोसला पीटने वाला प्रदूषण विभाग फैक्ट्रियों से निकलने वाली राख के उचित निस्तारण एवं गंग नहर पटरी पर लगे ढेर से अनजान क्यों है। हज़ारों मीटर तक सिंचाई विभाग की भूमि पर कब्ज़ा कर उस पर काले पहाड़ बनाने का लाइसेंस किसने दिया। पूर्व में कैमिकल अथवा कोई भी ज्वलनशील पदार्थ को दबाने में क्या  सिंचाई विभाग की आज्ञा ली गई थी।


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