मुजफ्फरनगरः दलितों के खिलाफ तुगलकी ढोल पिटवाने वाले राजवीर को जमानत

- रिपोर्टः एम.रहमान (वरिष्ठ पत्रकार, मुजफ्फरनगर)
मुज़फ्फरनगर। दलितों के खिलाफ तुगलकी ढोल पिटवाने वाले राजवीर त्यागी प्रधान और ढोल पीटने वाले कुंवरपाल को अदालत ने जमानत दे दी है। दोनों को 50-50 हजार रुपये के दो-दो जमानती की बिनाह पर जमानत मंजूर की गई।
विशेष अदालत ने मंजूर की जमानत
मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत अनुसूचित जाति एवं जनजाति कोर्ट में सुनवाई के दौरान ज़ज़ जमशेद अली ने दोनों की सशर्त जमानत अर्जी को मंसूजर किया। अदालत ने दोनों आरोपियों राजवीर त्यागी और कुंवरपाल को 50-50 हज़ार रुपये के दो-दो ज़मानती दाखिल करने पर रिहा किए जाने का आदेश दिया।
रिहाई में लग सकता है वक्त!
सूत्रों के मुताबिक अभी दोनों आरोपियों के रिहा होने में कुछ वक्त लग सकता है, क्योंकि ज़मानतियों की तस्दीक पहले तहसील और पुलिस से होगी, उसके बाद ही रिहाई का परवाना जारी किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग सकता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही परवाना जारी होगा और उसके बाद ही जेल से दोनों की रिहाई संभंव हो सकेगी।
ये था पूरा मामला
दरअसल, 9 मई 2022 को थाना चरथावल के ग्राम पावटी खुर्द में दलितों के कुख्यात माफिया सरगना रहे विक्की त्यागी के पिता राजवीर त्यागी ने ढोल पिटवाकर मुनादी कराई थी कि जो भी दलित उनके नलकूप, खेत, बाग आदि पर/में कदम रखेगा, उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही 50 जूतें भी मारने की बात कही गई थी। मुनादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ये मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। जिसके बाद आनन-फानन में एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया था।
मामला हो गया था देशव्यापी चर्चित
ये मामला एक ही दिन में देशव्यापी चर्चित हो गया था। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने गांव में जाकर जानकारी ली थी। दलित नेता चंद्र शरखेर आज़ाद उर्फ रावण ने भी गांव का दौरा कर चेतावनी दी थी। इसके बाद त्यागी पक्ष की ओर से पंचायत करने की भी कोशिश की थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस प्रयास को विफल कर दिया था। इतना ही नहीं इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य ने भी गांव में जाकर दौरा किया था।
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