मुजफ्फरनगरः 9 साल पुराने मामले में कोर्ट में पेश हुए पूर्व परिवहन मंत्री, जमानत हुई मंजूर

अशोक कटारिया के नाम से कोर्ट ने 3 वर्ष पूर्व जारी किए थे वारंट

 
कटारिया

  • रिपोर्टः गोपी सैनी

मुजफ्फरनगर। साल 2013 में दंगे के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में विधान परिषद सदस्य एवं पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया अदालत में पेश हुए। सिविल जज सीनियर एफटीसी/विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने जमानत स्वीकृत की है।

मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान जिले में आचार संहिता लगाई गई थी। बीजेपी नेता एमएलसी अशोक कटारिया समेत बीजेपी के 21 नेता एक अंत्येष्टि में शामिल होने पहुंचे थे। सिखेड़ा थाना इलाके में पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था। लेकिन बीजेपी नेता बैरियर तोड़कर आगे बढ़ गए थे। मामले में तत्कालीन सिखेड़ा एसओ चरण सिंह यादव ने परिवाद दायर कराया था। डीजीसी राजीव शर्मा ने बताया कि पूर्व मंत्री अशोक कटारिया के नाम से कोर्ट ने 3 वर्ष पूर्व वारंट जारी किये थे। लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पूर्व मंत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट (एमपी-एमएलए) कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की और से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर सुनवाई कर कोर्ट ने जमानत प्रदान कर दी।

शुक्रवार को एमएलसी अशोक कटारिया बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष रुपेंद्र सैनी के साथ अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे। अदालत में कटारिया की जमानत मंजूर कर ली गई है। बता दें कि पूर्व विधायक उमेश मलिक, साध्वी ऋतंभरा, पूर्व विधायक अशोक कंसल समेत अन्य बीजेपी नेता पहले ही जमानत करा चुके हैं।


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