मुजफ्फरनगरः गैर इरादतन हत्या के मामले में नामी चिकित्सक और स्टाफ को कोर्ट से मिली राहत, मुकदमे की फाइल हुई बंद
2 साल पुराने मामले में स्वीकार की एफआर

मुजफ्फरनगर। निर्वाल हास्पिटल के संचालक एवं नामी चिकित्सक समेत स्टाफ को गैर इरादतन हत्या के 2 वर्ष पुराने मामले में बड़ी राहत मिली है। पुलिस विवेचना के बाद दर्ज एफआर को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद डॉक्टर गौरव निर्वाल समेत स्टाफ के खिलाफ दर्ज मुकदमे की फाईल बंद हो गई।
दरअसल 2 वर्ष पहले थाना भोपा इलाके के वजीराबाद निवासी योगेंद्र को परिजनों ने आपरेशन के लिए सरकुलर रोड स्थित निर्वाल हास्पिटल पर भर्ती कराया था। 8 सितंबर 2020 को योगेंद्र का आपरेशन होना था। आपरेशन थियेटर में चिकित्सक ने योगेंद्र को इंजेक्शन लगाया तो वो चीख पड़ा था। हालत बिगड़ने पर योगेंद्र को मेरठ रैफर कर दिया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
योगेंद्र की मौत के बाद उसकी पत्नी ज्योति उर्फ पूजा ने थाना सिविल लाइन पहुंचकर निर्वाल हास्पिटल के चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ पर गलत इंजेक्शन देने से योगेंद्र की मौत होने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कराया था। पुलिस ने डॉक्टर गौरव निर्वाल और अन्य स्टाफ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने पर पुलिस ने कोर्ट में एफआर लगा दी थी।
गैर इरादतन हत्या के मामले में पुलिस ने विवेचना कर कोर्ट में एफआर लगा दी थी। जिससे डा. गौरव निर्वाल और अस्पताल स्टाफ को काफी राहत मिली थी। मुकदमे में वादी मृतक की पत्नी ज्योति उर्फ पूजा और मृतक के पिता ने सीजेएम कोर्ट में एफिडेविट देकर बताया कि उन्हें पुलिस एफआर पर कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद सीजेएम मनोज कुमार जाटव ने एफआर स्वीकृत कर ली।
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप समाचार टुडे के Facebook पेज Youtube और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें। इसके साथ ही आप SamacharToday को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है।