टेरर फंडिंग मामलाः एटीएस और एनआईए ने मुजफ्फरनगर में डाला डेरा
खंगाल रही इस्लाम कासमी और उसके परिवार के सदस्यों के खाते

मुजफ्फरनगर। टेरर फंडिंग के मामले में एटीएस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई में फंसे फुगाना के गांव जागियाखेड़ा निवासी कथित पीएफआई सदस्य इस्लाम कासमी को तीन साथियों के साथ जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई के बाद एटीएस ने गोपनीय रूप से जिले में डेरा डाल कर इस्लाम कासमी और उसके परिवार के सदस्यों के खातों को खंगालने की कार्रवाई शुरू की है। उधर, इस्लाम के परिजनों ने उसे बेगुनाह बताया है।
एनआईए और एटीएस ने पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। इसी को लेकर चार दिन पहले थाना फुगाना के गांव जोगियाखेड़ा निवासी इस्लाम कासमी को गिरफ्तार किया था। टीम इस्लाम कासमी के संपर्क में रहने वाले लोगों की भी जानकारी जुटा रही है। इस्लाम और उसके परिवार के सदस्यों के खातों को खंगालने की भी सूचना है। पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा जा रहा है। इस्लाम कासमी की पत्नी सना का कहना है कि रात में कुछ लोग खुद को पुलिस बताते हुए उनके पति को उठाकर ले गए। उन्हें इस्लाम को ले जाने का कोई कारण भी नहीं बताया गया। उसके पति मदरसे में पढ़ाते थे अब तो वह गांवों में जाकर सर्फ-साबुन बेच रहे थे। वे कभी घर से बाहर या फिर जमात में भी नहीं गए। बेगुनाह होते हुए भी उन्हें जेल भेज दिया गया। उसका किसी संगठन से कोई वास्ता नहीं है।
इस्लाम कासमी के भाई अनस और मुबारिक अली ने कहा कि इस्लाम ने 2010 में दारुल उलूम देवबंद मदरसे से दीनी तालीम हासिल की थी। अगर इस्लाम गलत गतिविधि में शामिल होता तो वो मदरसों में बच्चों को चार हजार रुपये महीना की तनख्वाह पर दीनी तालीम न देता। परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है।
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