आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति को 8 साल की सजा, अदालत ने 30 हजार का जुर्माना भी ठोका

7 साल पहले फांसी के फंदे पर लटका मिली थी महिला की लाश

 
COURT

  • रिपोर्टः एम रहमान वरिष्ठ पत्रकार (मुजफ्फरनगर)

मुजफ्फरनगर। जनपद में करीब 7 साल पूर्व आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर 1 ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी को 8 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

अभियोजन के मुताबिक वर्ष 2015 में भोपा थाना इलाके में एक महिला की मौत हो गई थी। उसके पिता ने आरोपी अफरोज उर्फ आलम निवासी खेडी फिरोजाबाद के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थीय़ रेखा उर्फ़ इल्म ने अपने प्रेमी डॉक्टर अफ़रोज़ से प्रेम विवाह कर लिया था। दोनों ग्राम जोली में मिलकर क्लीनिक चला रहे थे। कुछ दिनों बाद पति द्वारा पत्नी का उत्पीड़न किया जाने लगा। मरने से पहले मृतका का फोन पिता कृष्ण कुमार के पास आया था कि उसकी हत्या हो सकती है। जिसके बाद रेखा का शव फांसी पर लटका मिला था।

मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर 1 के न्यायाधीश सुमित पंवार की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अफरोज को दोषी मानते हुए 8 वर्ष की सजा और 30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले की विशेष लोक अभियोजक विरेंद्र कुमार ने कोर्ट में पैरवी की। थाना भोपा में सरकार बनाम अफ़रोज़ आलम के मामले में सही विवेचना न करने पर मामले के विवेचक रहे एवं वर्तमान में नोएडा में एसीपी के पद पर तैनात पीपी सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए कोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को लिखा।


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