शासन ने कानपुर देहात की डीएम और सीडीओ समेत 205 लोगों पर की बड़ी कार्रवाई

195 ग्राम प्रधानों पर पंचायतीराज अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

 
KND

 

  • रिपोर्टः अभिषेक पांडेय

कानपुर देहात।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने की कवायद में जुटे है लेकिन वहीं कानपुर देहात जिले में मुख्यमंत्री की मंशा को दर किनार कर जिले के जिम्मेदार अधिकारियो और कर्मचारियों ने करोडों का भ्रष्टाचार कर डाला। जिसका खुलासा होने के बाद शासन ने मामले के संज्ञान लिया और कानपुर देहात के 3 कंसल्टेंट को बर्खास्त करते हुए डीएम और सीडीओ और विकास विभाग के अधिकारियो एवं कर्मचारियों समेत 7 लोगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश के साथ 195 प्रधानों पर धारा-95 (जी) के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए है|

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अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह ने अपर प्रमुख सचिव, नियुक्ति एव कार्मिक विभाग व निदेशक पंचायतीराज विभाग उत्तर प्रदेश, कमिश्नर कानपुर समेत डीएम कानपुर देहात और अन्य विभाग के अधिकारियो को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए है| पत्र जारी होने के बाद जिले के अधिकारियो और कर्मचारियों में हडकंप मच गया है। अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह के पात्र की माने तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत निदेशालय से भेजी धनराशि को गलत तरीके से निकला कर कई करोड़ रूपये का घोटला किया गया है। उस मामले को लेकर 3 कर्मचारियों की तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी की गई है और उपनिदेशक कानपुर मंडल(पंचायत), 2 डीपीआरओ और ग्राम पंचायत भुजपुरा के दो सचिवों को निलंबित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। वही एक नोडल राज्य स्तरीय कंसल्टेन्ट एवं एक जिला पीऍफ़एम्एस कर्मचारी की बर्खास्तगी के निर्देश के साथ डीपीआरओ कार्यालय के तत्कालीन सहायक पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।

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कार्य में लापरवाही और सही पर्वेक्षण न करने पर जिले के डीएम और सीडीओ पर स्पष्टीकरण के बाद नियुक्ति विभाग के माध्यम से कार्रवाई के निर्देश के साथ 195 ग्राम पंचायतों के प्रधानों पर धारा 95(जी) पंचायतीराज अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

दरअसल गांव में पानी की निकासी ठीक हो गांव स्वच्छ रहें नालियों का पानी रोड पर न बहे इसके लिए सॉफ्टिक टैंक बनाकर नालियों का पानी टैंक में डाला जाना था और कूड़ा एवं गोबर फेंकने के लिए गड्ढे बनाए जाने थे। जिसको लेकर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में कानपुर देहात जिले की करीब 347 ग्राम पंचायतों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत विकास के लिए करीब 6 करोड़ रुपये भेजे गए थे जो ग्राम पंचायत के खातों में जाने थे। लेकिन वहीं अधिकारियों की लापरवाही कारण जिला स्तर पर जुलाई २०२२ तक रुपया ग्राम पंचायतो के खातो में रुपया नहीं भेजा गया।

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नवंबर २०२२ में विकास विभाग की अधिकारियो और कर्मचारियों ने स्वच्छता मिशन के तहत 195 ग्राम पंचायतों के खातों में करीब 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और इसके बाद विकास बिभाग के अधिकारियों का भ्रष्टाचार शुरू हुआ| विकास विभाग के अधिकारियो और कर्मचारियों ने ग्राम प्रधानों के डोंगल प्रधानों से एक्टिवेट करने के बहाने जिला मुख्यालय पर मंगवा लिए और ग्राम प्रधानों के डोंगल से करोड़ों रूपये अपने चहेतों की फर्मो में निकाल लिए गए। बेचारे ग्राम प्रधान कुछ न बोल सके। जिस कारण इन 195 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसएलडब्ल्यू के तहत कोई कार्य नहीं हो सके। बल्कि विकास के लिए आया करोडो रुपया जिले के अधिकारियों कर्मचारियों की भेंट चढ़ गया।

वहीं जब भ्रष्टाचार के रुपयें में हिस्सा बांट सही से न हो सका तब मामला विवाद के साथ मिडिया के समक्ष आ गया। ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष ने बताया जनपद के जिम्मेदार अधिकारी विकास कार्य कागजों में दिखा रहे है और सरकार के पैसों का बंदरबांट कर रहे है। अगर गांव में पैसा लगा दिया जाता तो गांव की तस्वीर बदल जाती।


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