मुजफ्फरनगरः नशा तस्कर को 24 साल बाद 10 साल की कैद, अदालत ने एक लाख ठोका जुर्माना
पुलिस ने 72 किलो डोडा पोस्त के साथ गिरफ्तार किए थे 3 तस्कर

- रिपोर्टः एम रहमान, वरिष्ठ पत्रकार (मुजफ्फरनगर)
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने नशा तस्करी के मामले में सुनवाई पूरी कर एक आरोपी को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले की सुनवाई एडीजे 7 शक्ति सिंह की अदालत में हुई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी प्रवेंद्र कुमार और जोगेंद्र गोयल ने पैरवी की।
दरअसल 18 मई 1999 को थाना छपार पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग गाड़ी में डोडा पोस्त लादकर स्मगलिंग के लिए ले जा रहे हैं। जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक थाना छपार सूरज सिंह ने बताए गए स्थान पर डेरा डाल दिया था। पुलिस पुरकाजी-बरला मार्ग पर बसेड़ा रोड राजवाहा की पुलिया के पास छिपकर बैठ गई थी। करीब दो बजे बरला की ओर से एक गाडी आती दिखाई दी। जिसे पुलिस ने रोककर चेकिंग की तो उसमें चोकर की बोरियों के नीचे छिपाकर रखी गई डोडा पोस्त की 50 बोरियां बरामद हुईं। प्रत्येक बोरी में पिसा हुआ 36-36 किग्रा डोडा पोस्त बरामद हुआ।
डोडा पोस्त की तस्करी के मामले में पुलिस ने गाड़ी में सवार 3 लोगों को गिरफ्तार किया। जिनमें रियाजुद़दीन, हसीन निवासी गंज आंवला बरेली और गुड्डू निवासी मुरादाबाद शामिल थे। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने मामले की सुनवाई की। अभियोजन के अनुसार कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद रियाजुद्दीन को डोडा पोस्त की तस्करी में 10 साल कैद की सजा सुनाई। रियाजुद्दीन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया।
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