मुजफ्फरनगरः आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ 3 साल पुराने मामले की फाइल बंद
पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में लगाई थी फाइनल रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ तीन साल पुराने सांप्रदायिक दुर्भावना के मुकदमे की फाइल बंद हो गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार जाटव ने पुलिस की साक्ष्य के अभाव की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया। अंतिम आख्या पर आपत्ति के लिए वादी अदालत नहीं पहुंचा।
दरअसल सांसद संजय सिंह ने 12 अगस्त 2020 को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सांप्रदायिक दुर्भावना फैलाने वाले बयान दिए थे। संजय सिंह, सभाजीत और ब्रज कुमारी ने योगी आदित्यनाथ पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया था कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जाति वर्ग के लोगों में भेद किया जा रहा है। जिससे सामाजिक समरसता भंग हो रही है। शहर के अहाता औलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता गौरव अग्रवाल ने संजय सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली में 13 अगस्त 2020 को मुकदमा दर्ज कराया था।
वादी का कहना था कि संजय सिंह ने बयान दिया कि प्रदेश में लोगों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। भाजपा के 58 विधायक ब्राह्मण है और उनमें गुस्सा है। प्रदेश में केवल ठाकुरों का काम हो रहा है। राजभर, कुर्मी, यादव, सोनकर, निषाद, तेली और नाई सरकार से नाराज है। वादी का कहना था कि संजय सिंह का बयान आपत्तिजनक है।
शहर कोतवाली पुलिस ने मामले की विवेचना की थी। साक्ष्य के अभाव में पुलिस ने कोर्ट में क्लोजिंग रिपोर्ट लगा दी थी। वादी आपत्ति दाखिल करने नहीं पहुंचा, जिससे अदालत ने मुकदमे की फाइल बंद कर दी है।
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