उमेश पाल हत्याकांड: मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में बनी खूनी प्लानिंग! हाई कोर्ट का वकील सदाकत निकला मास्टरमाइंड

दोहरे हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने 12 लोगों को किया है नामजद

 
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  • रिपोर्टः त्रिभुवन नाथ शर्मा

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चंद दिन पहले ही हुए उमेश पाल खूनी हत्याकांड की प्लानिंग इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक युवा वकील के कमरे में बनी थी। इस वकील को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया है। दोहरे हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने जिन 12 लोगों को अपनी टॉप-10 सूची में नामजद किया है। उनमें से गिरफ्तार किया जा चुका वकील भी एक है। बाकी 11 मोस्ट वॉन्टेड में से दो भाई जेल में बंद हैं। इनमें एक यूपी का माफिया अतीक अहमद और दूसरा उसका भाई अशरफ है। अतीक अहमद अभी अहमदाबाद जेल में कैद है। जबकि उसका भाई और उमेश पाल हत्याकांड का मोस्ट वॉन्टेड अशरफ यूपी की बरेली सेंट्रल जेल में कैद है। इन तमाम तथ्यों की पुष्टि यूपी पुलिस एसटीएफ प्रमुख और अपर पुलिस महानिदेशक, आईपीएस अमिताभ यश ने सोमवार दोपहर बाद विशेष बातचीत में की।

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अमिताभ यश के मुताबिक प्रयागराज में अंजाम दिए गए उमेश पाल दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक षड्यंत्रकारी को गिरफ्तार किया गया है। इसे गोरखपुर से पकड़ा गया है। गिरफ्तार षड्यंत्रकारी का नाम सदाकत है। सदाकत पेशे से इलाहाबाद हाई कोर्ट का वकील है। उससे पूछताछ में पता चला है कि हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस से ज्यादा उसका अपराधियों के साथ उठना बैठना था। उमेश पाल हत्याकांड की योजना को अंतिम रूप दिए जाने के दूसरे दौर की तमाम अहम बैठकें इसी सदाकत के कमरे पर हुई थीं। यह कमरा सदाकत ने प्रयागराज स्थित मुस्लिम हॉस्टल में ले रखा था।

यूपी एसटीएफ चीफ ने आगे कहा कि दरअसल अभी तक इस कांड में माफिया मुख्तार अंसारी की कोई भूमिका नहीं मिली है। आगे की जांच में अगर वो कहीं आता है तो इस पर फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है। मुख्य रूप से अब तक प्रयागराज के डबल मर्डर (उमेश पाल हत्याकांड) कांड में अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और बरेली सेंट्रल जेल में बंद उसके भाई अशरफ का ही हाथ सामने आ रहा है। इस मामले में अभी बात अगर मुख्य गिरफ्तारी की करें तो हाईकोर्ट में वकालत करने वाला सदाकत ही पहला आरोपी है। भले ही इस डबल मर्डर की प्लानिंग क्यों न जेल में बनी हो। मगर उसके बाद उमेश पाल को कत्ल करने के अंतिम रूप दिए जाने वाली बैठकों में से अधिकांश बैठकें इसी सदाकत के प्रयागराज स्थित मुस्लिम हॉस्टल वाले कमरे में हुई थीं। इस बात को गिरफ्तारी के बाद खुद सदाकत ने ही कबूला है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट का वकील होने के बाद सदाकत आखिर अतीक अहमद से अपराधियों के संपर्क में क्यों और कैसे पहुंच गया? पूछने पर अमिताभ यश ने कहा कि जो कुछ सदाकत ने बताया है उसके मुताबिक तो, इस गैंग ने सदाकत को लालच दिया था कि इलाके में विवादित जमीनों के सौदे और उनसे जुड़े तमाम कानूनी मामले सदाकत के ही हवाले किए जाएंगे। लिहाजा उसने अतीक गैंग के उन शूटर्स की बैठकें अपने हॉस्टल वाले कमरे पर करानी शुरू कर दीं। अभी सदाकत से और भी पूछताछ जारी है।

एसटीएफ प्रमुख ने कहा कि घटनास्थल पर वीडियो सीसीटीवी फुटेज में एक शूटर दुकान के अंदर से गोलियां झोंकता हुआ नजर आ रहा है, उसका नाम गुलाम है। उस गुलाम और इस गिरफ्तार वकील सदाकत की कई बैठकें, प्रयागराज स्थित मुस्लिम हॉस्टल वाले उस कमरे में हुई थीं जहां, सदाकत रहता था। इस बात को सदाकत ने ही कबूला है। उसने बताया है कि न केवल शूटर गुलाम बल्कि इस दोहरे हत्याकांड में शामिल और अभी तक वांछित (फरार) और भी कई अपराधी इसी कमरे पर षड्यंत्र का ताना-बाना बुनने के लिए इकट्ठे होते थे।

यूपी एसटीएफ की मानें तो इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस वकील की ये पहली गिरफ्तारी है। इसके अलावा अभी 11 अन्य बदमाश भी पकड़े हैं। इन 11 में से फिलहाल दो भाई और इस डबल मर्डर के मुख्य षड्यंत्रकारी अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ दो अलग-अलग जेल में बंद हैं। उनसे पूछताछ की कोशिशों में प्रयागराज जिला पुलिस की टीमें जुटी हैं।


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