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AI के दौर में ये डिग्रियां हैं सबसे सुरक्षित और स्थिर

AI के दौर में ये डिग्रियां हैं सबसे सुरक्षित और स्थिर

शुरुआती जानकारी: सख्त होती वैश्विक वीज़ा नीतियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से प्रसार के बीच, एक नई रिपोर्ट ने हेल्थकेयर और मानवीय संवेदनाओं (human-centric) वाले पेशों को भारतीय छात्रों के लिए सबसे सुरक्षित बताया है। सहानुभूति और जटिल निर्णय लेने की क्षमता पर निर्भर ये करियर विकल्प ऑटोमेशन के दौर में भी “फ्यूचर-प्रूफ” माने जा रहे हैं।

पृष्ठभूमि (Background): विदेश में उच्च शिक्षा की योजना बना रहे भारतीय छात्र इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं: अमेरिका, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में सख्त वीज़ा नियम और नौकरियों में AI का बढ़ता दखल। पढ़ाई के बाद काम के सीमित अवसरों और बढ़ती महंगाई के कारण, अब छात्रों का ध्यान केवल उच्च वेतन वाली डिग्रियों पर नहीं, बल्कि उन डिग्रियों पर है जो लंबी अवधि की स्थिरता दे सकें।

मौजूदा विवरण (Current Details): IDP एजुकेशन की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि “ह्यूमन टच” (मानवीय स्पर्श) वाले करियर को मशीनों द्वारा रिप्लेस किए जाने की संभावना सबसे कम है।

विशेषज्ञ की राय (Expert Quote): रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि ये क्षेत्र सुरक्षित क्यों हैं:

“इन AI-सुरक्षित करियर की एक खास विशेषता है: ये पूरी तरह से मानवीय गुणों—सहानुभूति (empathy), निर्णय क्षमता, रचनात्मकता और जटिल समस्याओं को सुलझाने पर निर्भर हैं। ये ऐसे पेशे हैं जिनकी जगह मशीनें नहीं ले सकतीं।”

भारतीय छात्रों के लिए मायने (Implications): 2026 के शैक्षणिक सत्र (academic intake) का लक्ष्य रखने वाले छात्रों के लिए, इन सुरक्षित क्षेत्रों में डिग्री लेना नौकरी की सुरक्षा से परे भी फायदेमंद है।

  1. वीज़ा की संभावना: हेल्थकेयर और शिक्षा में डिग्रियां अक्सर ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे देशों की कौशल की कमी वाली सूचियों (occupational shortage lists) में शामिल होती हैं, जिससे वर्क वीज़ा मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

  2. रणनीतिक बदलाव: हालांकि इंजीनियरिंग और आईटी अभी भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन “सबसे सुरक्षित दांव” अब उन विज्ञानों की ओर बढ़ रहा है जहां नैतिक निर्णय लेना सबसे महत्वपूर्ण है।

भविष्य का नज़रिया (Outlook): भविष्य का जॉब मार्केट उन भूमिकाओं को प्राथमिकता देगा जिन्हें कोडिंग तक सीमित नहीं किया जा सकता। जैसे-जैसे वैश्विक बाजार अधिक चुनिंदा हो रहे हैं, उम्मीद है कि छात्र उन डिग्रियों को चुनेंगे जो डिजिटल व्यवधान (digital disruption) से सुरक्षा प्रदान करती हों।

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