अपनी धार के लिए मशहूर मेरठी कैंची को चाइनीज कैंची ने दिया जोर का झटका
चाइनीज कैंची ने शहर से लेकर गांव तक जमाया अपना कब्जा

मेरठ। देश भर में अपनी धार के लिए मशहूर मेरठी कैंची को चाइनीज कैंची ने जोर का झटका दिया है। यहां रॉ मैटीरियल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ कैंची की कीमत बढ़ी तो व्यापार कुंद हो गया है। पिछले तीन सालों में चाइना ने कैंची की कीमत नहीं बढ़ाई है। इसी कारण चाइना की कैंची ने शहर से लेकर गांवों तक कब्जा जमा लिया। कुछ व्यापार को कई राज्यों में आई बाढ़ ने डूबो दिया है, निर्यात घट गया है। इधर, चाइनीज कैंची का बाजार 30 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी तक पहुंच गया। ऐसे में मेरठी कैंची के व्यापारियों और मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट बनता जा रहा है।
दरअसल... मेरठ की कैंची को जीएसटी की दरों ने कुंद कर दिया। इससे पहले पिछले 5 से 6 महीनों में रॉ मैटीरियल की कीमतों में उछाल आया था और दो से तीन गुना तक कीमत बढ़ गई थी। इससे कैंची कारोबार का व्यापार 70 फीसदी तक प्रभावित हुआ। अधिकांश कैंची निर्माताओं ने अपना काम भी बंद कर दिया है। हालांकि अब रॉ मैटीरियल की कीमतों में दस फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक कमी आई है, लेकिन कैंची व्यापारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। क्योंकि शहरों से गांवों तक बाजार पर चाइना की सस्ती कैंची ने कब्जा जमा लिया। जबकि कोरोना काल में मेरठ की कैंची का अच्छा कारोबार हुआ था।
मेरठ की कैंची का पिछले 6 महीनों में निर्यात घटा भी है। चाइना की कैंची के कारण उनके आर्डर में भी कमी आई है। बड़े शहर में बैठे एक्सपोर्टर मेरठ की कैंची के बजाए चाइना की कैंची का निर्यात करते है। श्रीलंका, बांग्लादेश, मयमार, दुबई, नेपाल, कतर, कुवैत, सउदिया, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान और कई देशों में मेरठ की कैंची निर्यात होती हैं। डायरेक्ट कोई कैंची निर्माता निर्यात नहीं करता, लेकिन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोच्चि, अहमदाबाद शहरों से एक्सपोर्टर अन्य सामानों के साथ कैंची निर्यात करते हैं। इन दिनों कई राज्यों में बाढ़ आई हुई है। उसका भी असर पड़ रहा है।
दरअसल चाइना की कैंची मेरठ की कैंची से सस्ती है। लगातार चाइना से कैंची का आयात हो रहा है। मेरठ की कैंची का व्यापार 30 फीसदी के आसपास रह गया है। कई राज्यों में आई बाढ़ का भी असर पड़ रहा है। मजदूरों को मजदूरी देने के लिए व्यापारियों के पास पैसा नहीं है। बताया जा रहा है कि ऑर्डर नहीं मिलने पर 180 में से 40 फैक्ट्री बंद है।
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