यूपी में किसानों का जुनूनः मेरठ के किसान चंद्रहास ने उगाया 16 फीट गन्ना

चंद्रहास ने गन्ना उगाने में किया ट्रेंच विधि का इस्तेमाल

 
16 feet ganna

मेरठ। वेस्ट यूपी को गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है। यहां हर ओर गन्ना ही लहलहाता हुआ नजर आता है। गन्ने को बेहतर से बेहतर करने का यहां किसानों में कैसा जुनून है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि मेरठ के एक किसान ने तो रिकॉर्ड 16 फीट का गन्ना उगाकर दिखा दिया। इस किसान ने ऐसी विधि अपनाई कि गन्ने की हाईट बढ़ती ही चली गई। यही नहीं मेरठ के महिलाएं भी गन्ने के बीज को तैयार करने में अहम योगदान दे रही हैं, साथ ही उन्हें रोजगार भी मुहैया हो रहा है। इस बीज से भी गन्ने की हाइट पर असर पड़ता है।

दरअसल... आमतौर पर गन्ने की हाईट पांच से सात फीट तक ही होती है, लेकिन मेरठ के किसान चंद्रहास ने ऐसी वैज्ञानिक विधि से गन्ना उगाया कि उनके खेत का गन्ना 16 फीट तक पहुंच गया। गन्ने की हाईट बढ़ी तो स्वाभाविक है कि किसान चंद्रहास की आमदनी भी दोगुनी हो गई। चंद्रहास का कहना है कि उन्होंने गन्ना उगाने में ट्रेंच विधि का इस्तेमाल किया, गन्ने की जड़े गहराई तक पहुंचाई और ये कमाल हो गया।

मील का पत्थर साबित हो सकती है ये विधि

चंद्रहास का दावा है कि अगर अन्य किसान भी इस विधि का इस्तेमाल करें तो उनका गन्ना भी इतना ही उंचा हो सकता है। चंद्रहास ने बताया कि वो अपने खेत के गन्ने को बांधता भी नहीं है। वो सिर्फ ट्रेंच विधि का इस्तेमाल करते हैं। जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर दुष्यंत भी चंद्रहास के प्रयास की सराहना करते हैं, उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की आमदनी बढ़ाने में ये विधि मील का पत्थर साबित हो सकती है।

महिलाएं भी दे रहीं क्वालिटी बढ़ाने में योगदान

किसान चंद्रहास जहां गन्ने की लंबाई बढ़ाकर अपनी आय दोगुनी कर रहे हैं तो वहीं जयसिंहपुर गांव में महिलाएं भी गन्ने की क्वालिटी बढा़ने में अपना अहम योगदान दे रही हैं। इस गांव की महिलाओं का स्वयं सहायता समूह है। इस समूह के जरिए महिलाएं गन्ने का बीज तैयार करती हैं और स्वस्थ गन्ना तैयार करने में अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करती हैं।

गन्ना अधिकारी की बात

जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर दुष्यंत का कहना है कि विभाग ने कोरोनाकाल में यूपी सरकार के निर्देशन में महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उच्च गुणवत्ता युक्त गन्ने का बीज तैयार करने की योजना शुरु की थी। महिलाओं को गांव में उन्हीं के द्वार पर रोज़गार देने की योजना शुरु हुई थी। अब तक एक सौ बत्तीस स्वयं सहायता समूह मेरठ में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर गांव में भद्रकाली स्वयं सहायता समूह के बाइस सदस्य गन्ने का बीज तैयार करते हैं, उन्होंने बताया कि इस स्वस्थ बीज से छियानवे प्रतिशत तक जर्मिनेशन होता है, क्योंकि बीज स्वस्थ होगा तो फसल भी स्वस्थ होगी। साथ ही महिलाओं को इससे रोजगार भी मिलता है।

किसान सहफसल खेती पर ध्यान दे

जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर दुष्यंत का कहना है कि अगर सभी किसान ऐसी विधियों का इस्तेमाल करें तो उनकी आमदनी यकीनन बढ़ेगी। ज़िला गन्ना अधिकारी का कहना है कि किसानों को सहफसल का भी प्रयोग करना चाहिए। अगर किसान गन्ने के साथ साथ सब्जी और फूल की खेती भी करेंगे तो दिनों-दिन उनकी तरक्की होगी।


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप समाचार टुडे के Facebook पेज Youtube और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें। इसके साथ ही आप SamacharToday को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है।