जालौन के किसान ने की चंदन की खेती, 1 एकड़ में लगाए 400 पौधे
80 हजार के खर्च में 15 साल में होगा 12 करोड़ का फायदा

- रिपोर्टः दुर्गेश कुशवाहा
जालौन। बुंदेलखंड को हमेशा सूखाग्रस्त माना जाता है, लेकिन अब इस बुंदेलखंड में चंदन की खुशबू महकेगी। इसकी पहल जालौन के एक युवा किसान ने की है। उन्होंने लाल और सफेद चंदन की खेती 1 एकड़ में शुरू की है। उन्होंने 400 पौधे लगाए हैं। किसान ने कहा, चंदन के पेड़ 15 साल में तैयार होते हैं। 15 साल में 400 पौधों की खर्च 2 लाख रुपये आएगी। अंकित पटेल ने बताया कि उन्होंने पहले चंदन की खेती के लिए विशेषज्ञों से सलाह ली और कानपुर जाकर इसका विधिवत प्रशिक्षण लिया और अपने एक एकड़ खेत में इनके पौधों को रोपित कर एक नई इबारत लिखी।
अंकित पटेन ने गुजरात जाकर चंदन एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन पटेल से मुलाकात की। उनसे चंदन की खेती के गुर सीखे। नितिन पटेल ने बताया कि बुंदेलखंड की मिट्टी चंदन की पौध के लिए माकूल है। इससे अच्छी उपज होगी। किसानों को फायदा होगा।" इसके बाद अंकित ने 1 एकड़ खेत में चंदन के पौधे लगाए।
चंदन के साथ लगाए औषधीय और फलदार पेड़
अंकित पटेल ने चंदन के पेड़ों के साथ-साथ अन्य औषधीय और फलदार पेड़ भी लगाए हैं जो कि जनपद जालौन के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आई है।
इस संबंध में अंकित पटेल ने कहा कि उनके एक एकड़ खेत में कुल 80 हजार रुपए की लागत आई है और करीब दस से पन्द्रह साल बाद इनकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगी। साथ ही उन्होंने महोगनी के करीब 100 पेड लगाए हैं, जो विश्व की दूसरी सबसे महंगी लकड़ी है, जो कैंसर जैसी घातक बीमारी में तो काम आएगा ही साथ ही इसमें 200 साल तक घुन नहीं लगता है। उन्होंने अपने खेत में चंदन, महोगनी,कैजयुरीना,मीठी नीम समेत कई अन्य औषधीय गुणों के पौधे लगाए हैं।
जैविक तरीके से कर रहे खेती
अंकित ने कहा, अब जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। आगे चलकर वे जैविक का लाइसेंस लेंगे। 3 साल वे खेती करेंगे तो उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा। इससे मिट्टी भी जीवित हो जाएगी। लोग फर्टिलाइजर का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे खेत खराब हो रहे हैं। लेकिन वे जैविक खेती के माध्यम से ही इसकी पैदावार करेंगे और मुनाफा कमाएंगे।
15 साल में होंगे होगा 12 करोड़ का फायदा
युवा किसान अकिंत ने कहा कि उन्होंने 400 पेड़ सफेद और लाल चंदन के लगाए हैं। जो 15 साल में 12 फीट के हो जाएंगे। उस समय इन पेड़ों की कीमत 12 करोड़ रुपये होगी। चंदन के पेड़ों के साथ-साथ अन्य औषधीय और फलदार पेड़ लगाए हैं। जो कि जालौन के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आए हैं।"
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