आयकर विभाग की रडार पर 68000 केस, इनकम टैक्स बचाना है तो 31 मार्च से पहले कर लें ये काम
इनकम टैक्स विभाग ने 31 मार्च तक दिया गलती सुधारने का मौका

नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 68 हजार ऐसे मामलों की पहचान की है, जिनमें टैक्स चोरी की आशंका है। ये ऐसे मामले हैं, जिनमें हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन किए गए हैं। ये मामले साल 2019-20 के दौरान किए गए ट्रांजैक्शन में दिखे हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी सीबीडीटी प्रमुख नितिन गुप्ता ने ये जानकारी दी.
पारदर्शी तरीके से किया जा सकता है भुगतान
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पायलट आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 में ई-वेरिफिकेशन के दौरान हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की पहचान की है। CBDT के चेयरमैन नितिन गुप्ता के मुताबिक इन हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन में से 35 हजार केस पहले छह महीने में सुलझा लिए गए हैं। ई-वैरिफिकेशन स्कीम के जरिए टैक्स देनदारी का पारदर्शी तरीके से भुगतान किया जा सकता है। स्कीम आयकर दाता को इनकम टैक्स फाइलिंग में विसंगति को स्वीकार करने और उसे सुधारने का मौका देती है. और इसके जरिए वो अपडेटेड ITR फाइल कर सकते हैं।
15 लाख लोगों ने उठाया स्कीम का फायदा
ई-वेरिफिकेशन स्कीम का अभी तक 15 लाख लोगों ने फायदा उठाया है. और उन्होंने ओरिजिनल आईटीआर रिटर्न में आई विसंगति को टैक्स देकर सुधार लिया है। इन लोगों ने अपडेटेड रिटर्न फाइल किया है। जिससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 1250 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है।
इतने लोगों ने नहीं कराई फाइल अपडेट
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक अभी भी 30 हजार से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपडेटेड आईटीआर नहीं फाइल किया है। ऐसे में आईटी विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए ये जरूरी है कि वे ई-वेरिफिकेशन स्कीम का इस्तेमाल करें। जो लोग ओरिजनल आईटीआर में विसंगतियां पाएं जाने के बाद अपडेट आईटीआर नहीं भरेंगे, उन पर डेडलाइन बीतने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कार्रवाई कर सकता है।
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