Birth Anniversary: भारतीय उद्योग जगत के ‘भीष्म पितामह’ कहे जाते है जमशेदजी टाटा, 21 हजार में शुरू किया था अपना पहला कारोबार

 अंग्रेजो द्वारा अपमानित किए जाने के बाद 1903 में करवाया था अति सुंदर होटल ताज का निर्माण  
 
Jamshedji Tata

नई दिल्ली। जब कभी भी भारत के उद्योग जगत की बात होती है तो सबसे पहले जमशेदजी टाटा का नाम आता है... हमारे देश के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में जमशेदजी टाटा का बहुत बड़ा योगदान है...वर्तमान समय में टाटा ग्रुप भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप में से एक है। आज टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा की जयंती पर आइए जानते है उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...............

जीवन परिचय
जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को गुजरात के नवसेरी में हुआ था। उनके माता-पिता ..नुसरवानजी और जीवन बाई टाटा थे। उनका परिवार पारसियों के अल्पसंख्यक समूह का हिस्सा था, जो ईरान में पारसी लोगों के उत्पीड़न से भागकर भारत आ गए थे। इनका विवाह हीरा बाई दबू के साथ हुआ था। दोनों के चार संताने हुई जिनमें 2 पुत्र तथा 2 पुत्रियां थी।  उनके पुत्रों के नाम दोराबजी टाटा तथा रतन जी टाटा थे। 
(वर्तमान समय के बिजनेसमैन रतन टाटा तथा उस समय के रतन जी टाटा दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं। रतन टाटा को रतन जी टाटा के द्वारा गोद लिया गया था।)

शिक्षा
​वे चौदह वर्ष की अल्पायु में ही पिता के साथ मुम्बई आ गए यहां उन्होंने व्यवसाय में क़दम रखा।  सत्रह वर्ष की आयु में जमशेदजी ने 'एलफ़िंसटन कॉलेज', मुम्बई में प्रवेश ले लिया। इसी कॉलेज से वे दो वर्ष बाद 'ग्रीन स्कॉलर' के रूप में उत्तीर्ण हुए। तत्कालीन समय में यह उपाधि ग्रेजुएट के बराबर हुआ करती थी।

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करियर
vo- ​जमशेदजी टाटा ने वर्ष 1868 में 29 साल की उम्र में 21 हज़ार रुपये की पूंजी के साथ एक निजी फर्म की शुरूआत की थी। वे कई बार मैनचेस्टर जा चुके थे और इसी दौरान उनके मन में कपड़ा मिल शुरू करने का विचार आया। अपने कुछ दोस्तों की साझेदारी में उन्होंने एक पुरानी तेल मिल ख़रीदी और उसे कपड़ा मिल में बदल दिया और फिर दो साल बाद उसे मुनाफे पर बेच दिया। वर्ष 1874 में उन्होंने पन्द्रह लाख रुपये की पूंजी से एक नई कंपनी 'सेंट्रल इंडिया स्पिनिंग, वीविंग एंड मैनुफैक्चरिंग कंपनी' की शुरूआत की। 

होटल ताज का निर्माण
​विश्व प्रसिद्ध 'ताजमहल होटल' सिर्फ़ मुम्बई ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत में ख्यातिप्राप्त है।  अंग्रेजो द्वारा अपमानित किए जाने के बाद 1903 में उन्होंने अति सुंदर होटल ताज का निर्माण करवाया था।

निधन
19 मई, 1904 को जर्मनी के बादनौहाइम में जमशेदजी टाटा का निधन हो गया था।


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