मुजफ्फरनगरः काली हुई 'अगवा' की तलाश में कोतवाली पुलिस की रात, सीसीटीवी से हाथ लगे अहम सुराग

- अमित कुमार सैनी, संपादक
मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली इलाके की रुड़की रोड पर रविवार रात मारपीट के बाद कथित रूप से 'अगवा' हुए युवक की तलाश में पुलिस सुबह तक खाक छानती रही। घटना स्थल से लेकर संभावित इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में पुलिस की पूरी रात काली हो गई। कई लोगों को हिरासत में लेकर सख्ताई से पूछताछ भी की गई, लेकिन सुबह तक कथित अगुवा युवक का कोई अता-पता नहीं चल गया। इसी बीच करीब 11 बजे हाथ लगे एक सीसीटीवी फुटेज में युवक अस्पताल चौराहे से ई-रिक्शा में बैठकर लद्धावाला की तरफ जाता दिखाई दिया। पुलिस अब इसी बिंदु पर जांच करते हुए आगे बढ़ रही है।
शहर कोतवाली इलाके के रामलीला टिल्ला मोहल्ला निवासी संजय सैनी पुत्र राजेश सैनी रविवार की शाम अपने दो साथियों जोनी और दीपक के साथ “खाना-पीना” करने के मकसद से सहारनपुर बस स्टैंड के पास एक होटल पर गए थे। करीब 8 बजे संजय सैनी के साथ कुछ लड़कों ने मारपीट की और फिर उसे रिक्शा में बैठाकर अपने साथ ले गए। संजय के साथियों ने आरोप लगाया कि 'आरोपियों ने विरोध जताने पर उन्हें धक्का देकर अलग कर दिया और उसे अगवा करके अपने साथ ले गए।' मामले की जानकारी पर नगर कोतवाल महावीर चौहान खुद मौके पर पहुंचे और पूछताछ कर पड़ताल में जुट गए।
'कई पकड़े... सुताई भी हुई... पूछताछ भी हुई'
घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस को पता चला कि घटना में कुछ तो सच्चाई है, लेकिन अपहरण जैसा कुछ नहीं है। पुलिस ने ई-रिक्शा को ट्रेस कर देर रात रिक्शा चालक, उसके मालिक और अन्य कई लोगों को हिरासत में लेकर सख्ताई से पूछताछ की। जिसमें पुलिस को पता चला कि घटना के कुछ देर बाद ही संजय को छोड़ दिया गया था। लेकिन संजय कहां है? पुलिस के सामने ये एक बड़ी चुनौती थी, जिसके लिए पुलिस ने रुड़की चुंगी से लेकर शिवचौक तक सारे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।
पिलाना पड़ा पव्वा, तब खुली जुबान!
कभी-कभी पुलिस को वो कुछ भी करना पड़ जाता है, जो विधि और कानून के खिलाफ है, मगर जब किसी की जिंदगी का सवाल हो तो पुलिस मन-मसोसकर ऐसे कार्य भी करने पड़ते हैं, जैसा कि रात नगर कोतवाली पुलिस को करना पड़ा। संजय की बरामदगी के लिए पकड़ा-धकड़ी में पुलिस को एक बेवड़ा हाथ लगा, जो उस वक्त मारपीट करने वाले आरोपियों के साथ मौजूद था। पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही थी, लेकिन ना तो उसकी जुबान ही खुल रही थी और ना ही आंख खुल रही थी। वो पुलिस को लगातार कह रहा था कि 'पहले दारू पिलाओ, तब बताउंगा।' पुलिस भी बेचारी क्या ना करती? पुलिस ने बेवड़े के लिए पव्वे की व्यवस्था की और उसे पिलाने के बाद पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि एक-दो थप्पड़ मारने के बाद संजय को उन लोगां ने छोड़ दिया था। उससे ज्यादा वो कुछ बता भी नहीं पाया, जिसके बाद पुलिस भी अपना मत्था पीटती रह गई।
News Update#मुजफ्फरनगरः घटना के बाद के सीसीटीवी फुटेज में अपने ई-रिक्शा में बैठकर जाता दिखाई दिया कथित अपहृत संजय, पुलिस ने ली राहत की सांस, लेकिन अभी बरामदगी बाकी, पुलिस कर रही हर एंगल पर काम। @Uppolice @muzafarnagarpol https://t.co/iYoadYZo4E pic.twitter.com/txdWhY4e4y
— Samachar Today™ (@samachartodaytv) March 13, 2023
सुबह मिले फुटेज से राहत की सांस
सोमवार सुबह अस्पताल चौराहे के पास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया गया तो रविवार रात करीब सवा आठ बजे एक ई-रिक्शा द्वारा संजय अकेला ही लद्धावाला की तरफ जाता हुई दिखाई दिया। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। अब पुलिस इसी लाइन पर काम कर रही है और उम्मीद जता रही है कि संजय को जल्द ही बरामद कर लिया जाएगा। आपको ये भी बता दें कि घटना से करीब एक घंटा पहले से ही संजय का मोबाइल नंबर बंद है, जिसकी लास्ट लोकेशन शिव चौक रही।
तीन दिन पहले हुआ था झगड़ा
पुलिस जांच में ये भी स्पष्ट हो गया है कि मारपीट कर अपने साथ ले जाने वाले लोग अज्ञात नहीं, बल्कि संजय के जानकार ही थे। तीन दिन पहले शराब पीने के दौरान उनका झगड़ा हुआ था। रविवार की शाम इत्तेफाक से संजय उन लोगों को सहारनपुर बस स्टैंड के पास मिल गया था। जिसके बाद पुराने झगड़े को लेकर उनका विवाद गहराया और वो उसे नशे की हालत में ई-रिक्शा में बैठाकर अपने साथ लेकर चल दिए, लेकिन कुछ देर बाद ही गाजावाला पुलिया के पास उसे छोड़ दिया। ये ही बात हिरासत में लिए गए आरोपी बार-बार बता रहे थे, लेकिन पुलिस को संजय की बरामदगी चाहिए थी। अस्पताल चौराहे वाला सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस को भी उनकी बातों पर भरोसा हो गया।
नहीं लगा 112 नंबर, चक्कर कटवाने के भी आरोप
घटना के बाद संजय के साथियों ने मामले की जानकारी देने के लिए डायल-112 कई बार मिलाया, लेकिन बदकिस्मती से एक बार भी कॉल नहीं लगी। जोनी और दीपक का आरोप है कि जब 112 पर कॉल नहीं लगी तो वो लोग रुड़की चुंगी पुलिस चौकी पहुंचे, जहां से उन्हें कच्ची सड़क पर गाजावाली पुलिया पुलिस चौकी पर भेज दिया, लेकिन वहां से भी उन्हें नगर कोतवाली भेजा गया। जिसके बाद नगर कोतवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल पुलिस चौकी इंचार्ज को तत्काल एक्शन लेने को कहा और खुद भी मौके पर पहुंचे।
आखिर कहां है संजय?
पूरे मामले में ये तो साफ हो गया है कि ना तो ये अपहरण का मामला था और ना ही मारपीट कर अपने साथ ले जाने वाले कोई अनजान लोग थे। पहले हुए विवाद को लेकर नशे की हालत में किया गया ये एक ऐसा कांड था, जो पुलिस के गले में बेवजह फंस गया। हालांकि इतना सब स्पष्ट होने के बाद भी अभी तक ना तो पुलिस ही संजय तक पहुंच सकी है, ना ही वो घर पहुंचा है और ना ही परिजनों या चिर-परिचितों को मिला है।
'अपहरण का आरोप निराधार है। सीसीटीवी में दिखाई पड़ रहा है कि घटना के कुछ ही देर बाद संजय अपने आप एक ई-रिक्शा में बैठकर जा रहा है। हम जल्द ही संजय तक पहुंच जाएंगे।' -महावीर चौहान, इंस्पेक्टर, शहर कोतवाली
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