प्रयागराजः राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की गोली मार कर हत्या, एक गनर की भी मौत

गोलीबारी में उमेश पाल की सुरक्षा में लगे 2 गनर गंभीर रुप से घायल

 
PRYAGRAJ

  • रिपोर्टः त्रिभुवन नाथ वर्मा

प्रयागराज। बेखौफ बदमाशों ने राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को धूमनगंज स्थित उनके घर के पास में गोली मार दी। अचानक हुई गोलीबारी में उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्वरूप रानी अस्पताल भेजा गया, जहां उमेश पाल और एक गनर की मौत हो गई। दूसरे की भी हालत नाजुक बताई जा रही है। वारदात के बाद से ही गोली बरसाने वाले बदमाश फरार हैं। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की तफ्तीश में जुट गई है।

घटना राजूपाल के घर के समीप की गली के बाहर की है। शुक्रवार दोपहर बाद राजूपाल जैसे ही वहां पहुंचे तो घात लगाए बदमाशों ने उन पर बम फेंके और ताबड़तोड़ गोलियां भी बरसाईं। जानकारी के मुताबकि, इलाज के दौरान उमेश पाल और एक गनर की मौत हो हो गई है। हालांकि, पुलिस ने अभी दोनों हत्या की पुष्टि नहीं की है। दिन-दहाड़े हुई इस वारदात से इलाके के लोगों में खौफ का माहौल है।

Advt max relief tariq azim

दरअसल 25 जनवरी 2005 को बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी, जिसमें बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसका छोटा भाई पूर्व विधायक अशरफ मुख्य आरोपी है। परिजनों का आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद के इशारे पर ये हमला हुआ है। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए हैं। सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस हमलावरों को पहचानने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि कोर्ट से पेशी के बाद उमेश पाल घर लौट रहे थे। पास की गली में जैसे ही वह पहुंचे पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया। सुरक्षा में तैनात गनर जब तक संभलते तब तक गोलियां राजू पाल को लग गईं थी।

राजू पाल की पत्नी पूर्व विधायक पूजा पाल के करीबी उमेश पाल पर इससे पूर्व भी जानलेवा हमला हो चुका है। कई बार जाने से मारने की धमकी भी दी गई है। सरकार से सुरक्षा भी मिली थी। हमलावरों ने फिल्मी स्टाइल में हमला किया जिससे सुरक्षाकर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।

ADVT DR RAGHUNANDAN_SAHARANPUR

इलाहाबाद पश्चिमी से बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। घटना के मुख्य गवाह उमेश पाल ही हैं जो पूजा पाल के करीबी हैं। 

2004 के लोकसभा चुनाव में फुलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद के तौर पर चुना गया था। इसके बाद जब इलाहाबाद वेस्ट की विधानसभा सीट रिक्त हुई तो सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को और बसपा ने राजू पाल को टिकट दिया था।

उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई को शिकस्त देकर पहली बार विधायकी जीती। कुछ महीने बाद 25 जनवरी 2005 को दिन-दहाड़े उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दौरान देवी पाल और संदीप यादव की भी हत्या हुई थी। अन्य दो गंभीर घायल भी हुए थे। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था।


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप समाचार टुडे के Facebook पेज Youtube और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें। इसके साथ ही आप SamacharToday को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है।