Happy Birthday:पिता से विरासत में मिली थी तबला बजाने की धुन, कला ऐसी की दुनिया बोली "वाह उस्ताद वाह"
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को मिल चुका है संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड

मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का आज 72वां जन्मदिन है। वैश्विक स्तर पर अपनी कला का लोहा मनवाने वाले जाकिर हुसैन को उस्ताद कहकर संबोधित किया जाता है।
जीवन परिचय
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। इनके पिता का नाम अल्ला रक्खा खान था। उनकी मां का नाम बावी बेगम था। जाकिर हुसैन ने महज तीन साल की उम्र में अपने पिता से पखावज बजाना सीख लिया था।
शिक्षा
जाकिर हुसैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हाई स्कूल, महिम से ग्रहण की और सेंट ज़ेवियर कॉलेज, मुंबई से वे ग्रेजुएट हुए।
व्यक्तिगत जीवन
वर्ष 1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। वह इटैलियन थीं और उनकी मैनेजर भी। उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी।
करियर
11 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया और साल 1973 में 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' नाम से अपना पहला एलबम लॉन्च किया। उनके इस एलबम ने जनता की खूब वाहवाही बटोरी थी। 1991 में जाकिर हुसैन का पहला प्लेनेट ड्रम एल्बम रिलीज़ किया गया था। उन्होंने मलयालम फिल्म वनाप्रस्थं के लिए एक संगीतकार, कार्यकर्त्ता और भारतीय संगीत सलाहकार के रूप में भी काम किया था। उन्होंने बहुत सी फिल्मो के लिये संगीत दिया है। जाकिर हुसैन बिल लास्वेल के "वर्ल्ड म्यूजिक सुपरग्रूप" के तबला विज्ञान के सदस्य भी है।
उपलब्धियां
जाकिर पहले भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया। संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड उन्हें दो बार, साल 1992 में 'द प्लेनेट ड्रम' और 2009 में 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए मिल चुका है।
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