क्या होता है काला मोतियाबिंद, यहां जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

नई दिल्ली। आंख से जुड़ी एक बीमारी जिसे ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद कहा जाता है। यह बीमारी ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकती है। ऑप्टिक नर्व ही आंख से देखी गई जानकारी को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करना है। समय के साथ आंख के अंदर बढ़ा हुआ दबाव ऑप्टिक नर्व के उत्तकों को नष्ट कर सकता है, जिससे नजर कमजोर होने के साथ ही अंधापन भी हो सकता है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ग्लूकोमा का खतरा अधिक होता है।
काला मोतियाबिंद के लक्षण
ग्लूकोमा का सबसे आम प्रकार प्राइमरी ओपन-एंगल ग्लूकोमा है। इसमें धीरे-धीरे आंख की रोशनी कम होने लगती है, इसके अलावा अन्य कोई स्पष्ट लक्षण ग्लूकोमा के नहीं होते। इसलिए जरूरी है कि आप साल में कम से कम एक बार अपनी आंखों की गहन जांच करवाएं।
अगर आपको नीचे दी गई समस्याओं में से एक भी समस्या है तो आपको डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करना चाहिए-
आंखों में तेज दर्द
जी मिचलाना
उल्टी
आंख लाल होना
नजर में अचानक गड़बड़ी होना
रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखना
अचानक धुंधला दिखना
ग्लूकोमा क्यों होता है
आंखा का पिछला हिस्सा लगातार एक साफ तरल पदार्थ बनाता रहता है, जिसे एक्वेयस ह्यूमर कहा जाता है। जैसे ही यह भर जाता है तो आपकी आंख के अगले हिस्से में आ जाता है और फिर कॉर्निया और आईरिस में बने चैनलों से बाहर निकल जाता है। अगर यह चैनल अवरुद्ध होते हैं या आंशिक रूप से बाधित होते हैं तो आपकी आंखों पर प्राकृतिक दबाव (इंट्राओक्यूलर प्रेशर यानी IOP) बढ़ सकता है। IOP बढ़ने पर ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त हो सकती है। जैसे-जैसे आपकी तंत्रिका यानी ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचेगा, वैसे-वैसे आपकी आंख की रोशनी कम होती चली जाएगी।
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप समाचार टुडे के Facebook पेज Youtube और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें। इसके साथ ही आप SamacharToday को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है।