राष्ट्रीय मतदाता दिवस: 25 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस, यहां जानें क्या है इसका उद्देश्य

नई दिल्ली। किसी भी लोकतांत्रिक देश में सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका मतदाताओं की होती है। मतदाता अपने बहुमूल्य वोट से दल विशेष को पांच साल के लिए सत्ता में लाती है और देश व राज्य के विकास के लिए एक नागरिक होने के अपने कर्तव्य को पूरा करती है। भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य
देश में 18 साल की उम्र के हो चुके युवाओं को पहली बार मतदान करने का मौका मिले, इसके लिए निर्वाचन आयोग मतदाता दिवस के दिन उनकी पहचान कर ऐसे युवाओं को पहचान पत्र सौंप कर वोट देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा था। इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस
हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग इस साल पूरे देश में 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाएगा। 25 जनवरी 2011 में तात्कालिक राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' का शुभारंभ किया था।
कैसे मनाया जाता मतदाता दिवस
मतदाता दिवस के दिन देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है। पात्र मतदाताओं में 18 साल की उम्र के हो चुके युवा शामिल किए जाते हैं। इन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज करके उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाते हैं।
समाचार टुडे के लिए स्निग्धा श्रीवास्तव की रिपोर्ट