Birthday Special: माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली भारत की पहली महिला है बछेंद्री पाल

गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स 1990 में शामिल किया गया है बछेंद्री पाल का नाम
 
Bachendri Pal

नई दिल्ली। बछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया के 5वीं पर्वतारोही और भारत की पहली महिला है। वर्तमान समय में पाल इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत है जहां पाल चुने हुए लोगों को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती है।

जीवन परिचय
बछेंद्री पाल का जन्म 24 मई 1954 में नकूरी उत्तरकाशी में हुआ था। पाल के पिता का नाम किशन सिंह और उनकी माता का नाम हंसा देवी है। बचेंद्री पाल के पिता भारत से जाकर तिब्बत में सामान बेचा करते थे।  पाल अपने पिता की तीसरी संतान है और इनके 2 भाई और दो बहने भी हैं। उनके भाई का नाम राजेंद्र सिंह पाल एक पर्वतारोही है।

शिक्षा
बछेंद्री पाल की प्रारंभिक शिक्षा उनके अपने ही राज्य के एक सरकारी स्कूल से पूरी हुई।  बछेंद्री पाल ने स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद B Ed की पढ़ाई की थी।   

करियर
1982 में एडवांस कैम्प के तौर पर उन्होंने गंगोत्री (6,672 मीटर) और रूदुगैरा (5,819) की चढ़ाई को पूरा किया। इस कैम्प में बछेंद्री को ब्रिगेडियर ज्ञान सिंह ने बतौर इंस्ट्रक्टर पहली नौकरी दी। बछेंद्री के लिए पर्वत पर चढ़ने का पहला मौक़ा 12 साल की उम्र में मिला , जब उन्होंने अपने स्कूल की सहपाठियों के साथ 400 मीटर की चढ़ाई की। 1984 में भारत के चौथे एवरेस्ट अभियान में बछेंद्री समेत 7 महिलाएं और 11 पुरुष शामिल हुए। इस टीम के द्वारा 23 मई 1984 को दोपहर 1 बजकर सात मिनट पर 29,028 फुट (8,848 मीटर) की ऊंचाई पर ‘सागरमाथा’ पर भारत का झंडा लहराया गया। इस के साथ एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक क़दम रखने वाले वे दुनिया की 5वीं महिला बनीं।  पाल ने 1994 में गंगा नदी में हरिद्वार से कलकत्ता तक 2,500 किमी लंबे नौका अभियान का नेतृत्व किया। हिमालय के गलियारे में भूटान, नेपाल, लेह और सियाचिन ग्लेशियर से होते हुए काराकोरम पर्वत शृंखला पर समाप्त होने वाला 4,000 किमी लंबा अभियान उनके द्वारा पूरा किया गया, जिसे इस दुर्गम क्षेत्र में प्रथम महिला अभियान का प्रयास कहा जाता है।

 उपलब्धियां
भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने पर्वतारोहण में उत्कृष्टता के लिए पाल को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। पाल को पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार 
और मध्य प्रदेश सरकार की पहला वीरांगना लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय सम्मान जैसे कई सम्मानों से नवाजा गया है।


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