Death Anniversary: भैरोसिंह शेखावत ...एक ऐसी महान सख्सियत जो प्रतिपक्ष के लिए भी थे सम्माननीय

विश्व बैंक के अध्यक्ष रॉबर्ट मैकनामरा ने शेखावत को  दी थी भारत के रॉकफेलर की उपाधि
 
Bhairon Singh Shekhawat

एक ऐसी महान सख्सियत जो ना केवल अपने ही दल के बल्कि प्रतिपक्ष के लिए भी सम्माननीय थे। जिनकी राजनैतिक सूझ-बूझ का डंका प्रदेश व देश तक ही नहीं बल्कि विशेष अवसरों पर विदेशों तक भी बजता था...वो कोई और नही बल्कि भारत देश के 11 वे उपराष्ट्रपति..भैरोसिंह शेखावत ही थे।  भैरो सिंह जी की गणना स्वतंत्र भारत के सर्वाधिक योग्य और महान राजनेताओं में की जाती है।वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक थे। आज उनकी पुण्यतिथि पर आइए जानते है उनके जीवन कुछ खास बातें.

जीवन परिचय
भैरोंसिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर 1923 जयपुर रियासत के खाचरियावास में हुआ था। इनके पिता का नाम देवी सिंह शेखावत और माता का नाम बन्ने कंवर था। बचपन में पिता के निधन के बाद शेखावत पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी।  

शिक्षा
गांव की पाठशाला में अक्षर-ज्ञान प्राप्त करने के बाद शेखावत ने हाई-स्कूल की शिक्षा गांव से तीस किलोमीटर दूर जोबनेर से प्राप्त की।  हाई स्कूल करने के बाद जयपुर के महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन घर की आर्थिक जिम्मेदारी इनके उपर आ जाने के कारण आगे की पढ़ाई पूरी नही कर सके।

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व्यक्तिगत जीवन
भैरोंसिंह शेखावत की पत्नी का नाम सूरज कंवर और इनकी इकलौती संतान इनकी बेटी रतन कंवर है। इनके दामाद नरपत सिंह राजवी हैं जो राजस्थान में मंत्री रह चुके है ।
 
राजनितिक कैरियर
आरएसएस में स्वयंसेवक रहे भैरोंसिंह शेखावत ने थानेदार की नौकरी छोड़ने के बाद 1948 में जनसंघ की सदस्यता ली थी। शेखावत ने 1952 में विधानसभा की चुनाव लड़ा। भैरोंसिंह शेखावत 1952 दांतारामगढ़, 1957 श्रीमाधोपुर,1962 किशनपोल,1967 किशनपोल,1977 छबड़ा,1980 छबड़ा,1985 आमेर, 1990 धौलपुर, 1993 बाली, 1998 बाली से विधायक रहें। वे 1974 से 1977 तक राज्य सभा सदस्य भी रहे।

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मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल
भैरों सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा, बालिकाओं का उत्थान व उनका कल्याण, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और शारीरिक विकलांग लोगों की स्थिति में सुधार पर बल दिया। उनका मुख्य उद्देश्य गरीबों तक अधिकारों का लाभ पहुंचाना था। वे पहली बार 22 जून, 1977 से 15 फरवरी 1980 दूसरी बार 4 मार्च 1990 से 15 दिसबर 1992 तीसरी बार 4 दिसंबर 1993 से 31 दिसंबर 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे।
 
निधन
15 मई 2010 को जयपुर में 86 वर्ष की आयु में  भैरोसिंह शेखावत का निधन हो गया था।


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