Death Anniversary: भारतीय लोकसभा के पहले स्पीकर थे जीवी मावलंकर, 'दादासाहेब' ने एक उत्कृष्ट वक्ता के रूप में बनाई थी अपनी पहचान

नई दिल्ली। गणेश वासुदेव मावलंकर ...भारत के स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय लोकसभा के पहले अध्यक्ष थे। उन्हें लोग प्यार से 'दादासाहेब' के नाम से संबोधित करते थे। मावलंकर.. अहमदाबाद लोकसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रुप में लोकसभा में निर्वाचित हुये थे। उन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरू ने “लोक सभा के जनक” की उपाधि से दी थी।
जीवन परिचय
गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म 27 नवम्बर 1888 को गुजरात के वडोदरा में एक मराठी परिवार में हुआ था। मावलंकर का विवाह सुशीला गणेश मावलंकर से हुआ था। उनका एक पुत्र भी है था जिसका नाम था- पुरुषोत्तम मावलंकर।
शिक्षा
vo-अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद 1902 में गणेश वासुदेव मावलंकर आगे की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद चले गए। उन्होंने 1908 में गुजरात कॉलेज, अहमदाबाद से विज्ञान में स्नातक किया। 1912 में उन्होंने प्रथम श्रेणी से कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। कानून की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद उन्होंने 1913 में विधि व्यवसाय में प्रवेश किया। कुछ ही समय के भीतर ही वे एक प्रमुख वकील के रूप में स्थापित हो गये।
करियर
मावलंकर ..1913 में गुजरात एजुकेशन सोसाइटी के मानद सचिव और 1916 में गुजरात सभा के सचिव बने। उन्होंने 1913 में गुजरात एजुकेशन सोसाइटी के मानद सचिव का पद भी संभाला और 1916 में गुजरात सभा के सचिव भी रहे। 1920 के दशक में वे स्वराज पार्टी से जुड़े लेकिन बाद में कांग्रेस में लौट आए। बाद में 1946 में, उन्हें केंद्रीय विधान सभा की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया।
जी. वी. मावलंकर सत्ता के विकेन्द्रीकरण और पंचायती राज संस्थानों की प्रभावशीलता में दृढ़ विश्वास रखते थे। लगभग 2 दशक के लिए, मावलंकर ने खुद को अहमदाबाद नगर पालिका के संघों के लिए समर्पित कर दिया।
लेखक भी थे मावलंकर
अकाल हो..या बाढ़ राहत कार्य.....मावलंकर ने हमेशा इन कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लियाय़ उनके वयक्तित्व का मानवीय पहलू उनकी प्रसिद्ध गुजराती पुस्तक मनावतना झरना में दिखाई देता है। उन्होंने गांधी जी के साथ अपने अनुभवों को संस्मरणों नाम की पुस्तक में वर्णित किया है। अंग्रेजी में लिखी गई उनकी पुस्तक “माई लाइफ एट दि बार” में उनके 25 वर्षों के कानून से जुड़े सक्रिय जीवन के संस्मरण हैं।
निधन
67 वर्ष की आयु में मावलंकर का हार्ट अटैक के कारण अहमदाबाद में निधन हो गया।
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