कोरोना के बाद जानलेवा हुआ H3N2 वायरस, अब तक दो की मौत, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

H3N2 वायरस को लेकर नीति आयोग की राज्यों के साथ आज होगी बैठक

 
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H3N2 Influenza Virus: लोगों के दिमाग से अभी कोरोना का खौफ निकला भी नहीं था। अब देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण जानलेवा हो गया है। हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मरीज की मौत हुई है। देश में अब तक एच3एन2 समेत विभिन्न फ्लू से संक्रमित तीन हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। इनमें से 1,245 मरीज जनवरी में मिले थे। फरवरी में 1,307 और एक से नौ मार्च तक 486 मरीज मिले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को बढ़ते संक्रमण को लेकर सतर्कता और लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी तरह की मदद का आश्वासन भी दिया।

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आज बुलाई गई आंतरिक बैठक

देश में बढ़ते H3N2 Influenza Virus को लेकर आज नीति आयोग की राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक होगी। देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामले तेजी से बढ़ने के बाद अधिकार प्राप्त समूह और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) ने भी आज आंतरिक बैठक बुलाई है।

घबराने की नहीं जरूरत

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि राज्य निगरानी अधिकारी जनस्वास्थ्य की इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। घबराने की जरूरत नहीं। कोविड सतर्कता नियमों का पालन करते हुए इससे बचा जा सकता है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मरीज आ रहे हैं। एच3एन2 संक्रमण का प्रसार भी बढ़ता दिखाई दिया है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि मार्च के अंत तक संक्रमण के प्रसार में कमी आ सकती है। सरकार अंतरमंत्रालयी बैठक भी करने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, देश में एच3एन2 के बढ़ते मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की। राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है और स्वास्थ्य उपायों के लिए तत्पर है।

एच3एन2 की राज्यों के पास पर्याप्त दवा 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार एच3एन2 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अनुशंसित दवा ओसेल्टामिविर नि:शुल्क उपलब्ध कराती है। राज्यों के पास इस दवा का भंडार पर्याप्त है। मंत्रालय का कहना है, वास्तविक समय के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के जरिए मौसमी इन्फ्लूएंजा की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तीव्र श्वसन संक्रमण है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है।

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मार्च के अंत तक मामलों में कमी आने की उम्मीद

भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो पीक देखे जा रहे हैं जिनमें से एक जनवरी से मार्च और दूसरा मानसून के बाद दिखाई देता है। ऐसे में उम्मीद है कि मार्च माह के अंत तक संक्रमण के इन मामलों में कमी आ सकती है।

अलग-अलग राज्यों में दो मौतें

कर्नाटक के हासन जिले में एच3एन2 से संक्रमित हिरे गौड़ा (82) की एक मार्च को मौत हुई थी। वह मधुमेह व तनाव से भी पीड़ित थे।जबकि, हरियाणा के रोहतक में कैंसर से पीड़ित 56 वर्षीय व्यक्ति की मौत आठ फरवरी को हुई थी, जो मूल रूप से जींद के निवासी थे।


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