Death Anniversary:अंग्रेजी साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए लाला हरदयाल ने की थी 'गदर पार्टी' की स्थापना, प्रेरणायक है भारत मां के लिए उनका त्याग और समर्पण

नई दिल्ली। क्रांतिकारी लाला हरदयाल ने जन मानस और विशेष तौर पर प्रवासी भारतीयों को आजादी की लड़ाई में योगदान देने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने का कार्य किया था। 'गदर पार्टी' के संस्थापक ने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की और वहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की दो भावना जागृत की ..वह आज भी हमारे लिए प्रेरणादायक है...
जीवन परिचय
लाला हरदयाल का जन्म 14 अक्टूबर 1884 को दिल्ली में हुआ। उनका पूरा नाम लाला हर दयाल सिंह माथुर है। उनके पिता का नाम गौरीदयाल माथुर था। वे जिला अदालत में पाठक के रूप में कार्यत करते थे तथा उनकी माता का नाम भोली रानी था।
व्यक्तिगत जीवन
हरदयाल का विवाह सुन्दर रानी से हुआ था। इनकी एक बेटी की मृत्यु के जन्म के कुछ समय बाद ही हो गई थी और 1908 में उनकी दूसरी सन्तान भी एक पुत्री पैदा हुई थी।
शिक्षा
उन्होंने कैम्ब्रिज मिशन स्कूल में अध्ययन किया और सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली, भारत से संस्कृत में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और पंजाब विश्वविद्यालय से संस्कृत में अपनी मास्टर डिग्री भी प्राप्त की। 1905 में, उन्होंने संस्कृत में अपने उच्च अध्ययन के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की दो छात्रवृत्तियां प्राप्त कीं 1907 और कैसबर्ड प्रदर्शनीकर्ता, सेंट जॉन्स कॉलेज का एक पुरस्कार भी जीता। लाला हरदयाल जी ने दिल्ली और लाहौर में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
पॉलिटिकल मिशनरी
लंदन में लाला हरदयाल भाई परमानन्द, श्याम कृष्ण वर्मा आदि के सम्पर्क में आए। उन्हें अंग्रेज़ सरकार की छात्रवृत्ति पर शिक्षा प्राप्त करना स्वीकार नहीं था। उन्होंने श्याम कृष्ण वर्मा के सहयोग से ‘पॉलिटिकल मिशनरी’ नाम की एक संस्था बनाई। इसके द्वारा भारतीय विद्यार्थियों को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का प्रयत्न करते रहे। दो वर्ष उन्होंने लंदन के सेंट जोंस कॉलेज में बिताए और फिर भारत वापस आ गए।
ग़दर पार्टी
ग़दर पार्टी की स्थापना 25 जून, 1913 में की गई थी। पार्टी का जन्म अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के ‘एस्टोरिया’ में अंग्रेजी साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से हुआ। ग़दर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सोहन सिंह भकना थे। इसके अतिरिक्त केसर सिंह थथगढ (उपाध्यक्ष), लाला हरदयाल (महामंत्री), लाला ठाकुरदास धुरी (संयुक्त सचिव) और पण्डित कांशीराम मदरोली (कोषाध्यक्ष) थे। ‘ग़दर’ नामक पत्र के आधार पर ही पार्टी का नाम भी ‘ग़दर पार्टी’ रखा गया था।
उपलब्धियां
1987 में भारत के डाक विभाग ने “भारत की आजादी के लिए संघर्ष” की श्रृंखला के भीतर उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
मृत्यु
लाला हरदयाल का निधन 4 मार्च, 1939 को फिलाडेलफिया अमेरिका में हुआ। उनके बचपन के मित्र लाला हनुमन्त सहाय का मानना था कि हरदयाल की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी उन्हें विष देकर मारा गया था।
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