Pune Bomb Blast: 13 फरवरी 2010 को बम के धमाकों से दहला था पुणे, 17 लोगों ने पलभर में गंवाई थी जान

नई दिल्ली। आज से 12 साल पहले मुंबई के पुणे में हुए धमाके की गुंज आज भी सुनाई देती है। इस हमले में 17 लोगों ने पल भर में अपनी जान गंवा दी थी। इस आतंकी हमले में शिकार लोगों को अब तक इंसाफ नहीं मिला है...
13 फरवरी 2010
13 फरवरी 2010 को पुणे में हुए जर्मन बेकरी ब्लास्ट को हुए 13 साल हो गए हैं। शाम ठीक 7 बजकर 15 मिनट पर एक ब्लास्ट हुआ और देखते ही देखते 17 लोगों की मौत हो गई। बम ब्लास्ट में 64 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस आतंकी हमले की प्लानिंग बहुत पहले ही कर ली गई थी और इसे अंजाम भी ऐसे दिया कि लोग मिनटों में खत्म हो गए।
जर्मन बेकरी
जर्मन बेकरी बेहद लोकप्रिय जगह थी। पर्यटक हों, स्टूडेंट हों या यहां कई पीढ़ियों से रह रहे लोग, जो भी वहां से गुजरता वह वहां जरूर रुक जाता ...आतंकियों को यह बात बहुत अच्छे से पता थी कि अगर यहां ब्लास्ट करेंगे तो बात दूर तलक जाएगी.....
हिमायत बेग नाम के एक शख्स को दी गई थी ट्रेनिंग
कोलंबो में मिर्जा हिमायत बेग नाम के एक शख्स को इस वारदात को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। उदगीर के एक साइबर कैफे में बम तैयार किया गया था। पुलिस ने इस केस में मोहसिन चौधरी, यासीन भटकल, रियाज भटकल, इकबाल भटकल और फैयाज को आरोपी बनाया था। पुलिस के मुताबिक हिमायत बेग ने बम को तैयार किया था।
हिमायत बेग की हुई थी पहली गिरफ्तारी
पुणे बम ब्लास्ट केस के पहले आरोपी हिमायत बेग को पुलिस ने 7 सितंबर 2010 को पुणे से गिरफ्तार कर लिया था। उसके घर से 1,200 किलो विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई थी। इस केस में 102 लोगों की गवाही हुई थी और जांच अब तक जारी है। पुणे के सत्र न्यायलय ने सेशंस कोर्ट ने 2013 में हिमायत बेग को फांसी की सजा सुनाई थी जिसे मार्च 2016 में उम्र कैद में बदल दिया गया था।
अन्य आरोपी अभी भी फरार
जर्मनी बेकरी ब्लास्ट केस के अन्य आरोपी अभी भी फरार है।
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