यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता अभियान: जानें क्या है इसका उद्देश्य और महत्व

महिलाओं को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी होना क्यों है जरूरी
 
sexual and reproductive health awareness campaign

नई दिल्ली। समाज में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता के लिए हर साल 12 फरवरी को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता अभियान मनया जाता है। 

यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता अभियान मनाने का उद्देश्य
इसका उद्देश्य यौन और प्रजनन से जुडी शारीरिक समस्याओं के बारें में लोगों को जागरुक करना है।  WHO के मुताबिक Sexual and Reproductive Health का दायरा शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक  मजबूती से जुड़ा है। भारत सरकार के “National Health Portal” के मुताबिक यौन और प्रजनन की सारी सूचनाओं के बारे में लोगों को पता होना चाहिए। जैसे गर्भनिरोधक प्रणाली को कैसे अपनाएं, यौन संचारित संक्रमण (HIV / AIDS), अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भपात  से कैसे बचें।

क्या होते हैं यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार
यौन एवं प्रजनन अधिकार मनुष्य के मौलिक मानव अधिकारों में से एक हैं। यौन एवं प्रजनन अधिकार का मतलब यह है कि हर इंसान को अपने शरीर के बारे में फैसले लेने का पूरा अधिकार है। बावजूद इसके फिर भी दुनियाभर में ही लोगों को उनकी पसंद से शादी करने, बच्चे पैदा करने, अपनी सेक्सुअलिटी और जेंडर को असर्ट करने और सेक्स करने को नियंत्रित किया जाता है। यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और मौलिक अधिकार के कई पहलूओं आपस में जुड़े हुए हैं। सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति ने कहा है कि यौन और प्रजनन स्वास्थ्य में अक्सर मानव अधिकारों का उल्लघंन होता है।

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महिलाओं को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी होना क्यों है जरूरी
किशोर युवतियों और महिलाओं को पास यौन स्वास्थ्य, स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं और अधिकारों के उल्लघंन के बारे में जानकारियों का अभाव है। सबसे पहले परिवार के सदस्य उनके अधिकारों के उल्लघंन का स्रोत बनते हैं। हर महिला अच्छे यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की हकदार है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में किशोरों की आबादी का पांचवां हिस्सा है, फिर भी उनकी यौन और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को अक्सर अनदेखा किया जाता है। यदि महिलाओं और युवतियों के पास यौन व प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों की जानकारी होगी वे स्वंय को एचआईवी, लिंग आधारित हिंसा, मातृ मृत्यु दर, यौन संचारित रोग और स्वास्थ्य सेवाओं तक अपनी पहुंच बना सकती है। इन अधिकारों तक पहुंच बढ़ने के कारण महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। बेहतर स्वस्थ्य के साथ उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। 

गर्भावस्था और असुरक्षित गर्भपात
 जब लड़कियों और महिलाओं तक गुणवत्तापूर्ण सेवाओं और जानकारियों की पहुंच नहीं होती है, तब उन्हें अनचाही गर्भावस्था का ज़ोखिम होता है, सभी गर्भावस्था की लगभग आधी से ज़्यादा गर्भावस्था अनचाही होती है तथा अनचाही गर्भावस्था की तकरीबन आधी गर्भवस्था का अंत गर्भपात में होता है। यदि गर्भपात असुरक्षित है, तो यह महिलाओं और लड़कियों के जीवन और तन्तुरुस्ती को ज़ोखिम में डाल सकता है।


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