Birth Anniversary: भारत के सैटेलाइट मैन उडुपी रामचंद्र की 91वीं जयंती आज, भारत सरकार द्वारा तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से किए जा चुके है सम्मानित

दिग्गज अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव का आज 91 वां जन्मदिन है। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की विकास यात्रा में जिन क्षेत्रों का निर्णायक योगदान रहा, उनमें से अधिकांश का सरोकार उसी तकनीक से रहा है, जिस पर प्रोफेसर यू आर राव जीवनपर्यंत काम करते थे। रामचंद्र राव .. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष पद पर विराजमान थे। इसके अलावा वे देश के अंतरिक्ष सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके है।
जीवन परिचय
उडुपी रामचंद्र का जन्म कर्नाटक के अडामारू में 10 मार्च 1932 को हुआ था। उनके माता-पिता लक्ष्मीनारायण आचार्य और कृष्णवेनी अम्मा थे।
शिक्षा
उडुपी रामचंद्र ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अदमारू में और माध्यमिक शिक्षा उडुपी (ओडिपु) कर्नाटक के क्रिश्चियन हाई स्कूल में पूरी की। उन्होंने मैसूर में पढ़ाई की और फिर 1951 में मद्रास विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1953 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने 1960 मे पीएच.डी. किया।
व्यक्तिगत जीवन
उडुपी रामचंद्र की पत्नी का नाम यशोदा राव है। उनकी दो संतान है-बेटी माला राव और बेटा- मदन राव
करियर
प्रोफेसर राव ने 1960 में अपने करियर की शुरुआत की और उसके बाद से भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी का आगाज कर अपनी मेहनत से उसे एक नया आयाम प्रदान किया। प्रोफेसर राव के कुशल नेतृत्व में ही 1975 में पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को डिजाइन किया गया, तैयार किया गया और अंतरिक्ष में प्रक्षेपित भी किया गया। भारत में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी के विकास को भी प्रोफेसर राव ने एक नई दिशा दी। प्रसारण, शिक्षा, मौसम विज्ञान, सुदूर संवेदी तंत्र और आपदा चेतावनी के क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में राव का योगदान अतुलनीय है।
उपलब्धियां
1975 में रूसी विज्ञान अकादमी ने उन्हें रूसी मेडल ऑफ ऑनर ’से सम्मानित किया। इंजीनियरिंग विज्ञान में उनके योगदान के लिए उन्हें डॉ. शान्तिस्वरुप भटनागर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने प्रोफेसर यू आर राव को 1976 में तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया। वर्ष 2017 में उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया।
निधन
24 जुलाई 2017 को हार्ट अटैक के कारण राव का निधन हो गया था।
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