इस गांव तक आते-आते हांफ गया 'विकास', यहां देखें आजादी के 75 साल बाद की सच्चाई
जलौनी की लकड़ी का पुल बनाकर नदी पार करते है यहां के लोग

- रिपोर्ट- अबूबकर मकरानी
नैनीताल। तेजी से विकास करने के दावे करने वाली सरकारें आजादी के 75 साल बाद भी एक गांव में पुल निर्माण नहीं करवा सकी है, एक दशक से ज्यादा समय से चुकुम गांव में एक तटबंध बनाने की मांग हो रही है, वो काम तक आगे नहीं बढ़ सका है, ग्रामीणों और स्कूल के बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के समय तो गांव वालों के लिए सबसे अधिक मुसीबत रहती है जब गांव बहने का खतरा उनके सिर पर मंडराता रहता है। नैनीताल जिले के रामनगर से 25 किलोमीटर दूर बसे इस आखिरी राजस्व गांव चुकुम के करीब 120 परिवार से 652 लोग मतदाता हैं, यहां स्कूली बच्चे प्राथमिक के बाद पढ़ाई के लिए गांव से 3 किलोमीटर दूर कोसी नदी को पार कर मोहान इंटर कॉलेज जाते हैं।
स्कूली बच्चों का कहना है बरसात के समय नदी का जलस्तर बढ़ने से वो कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते, जिससे पढ़ाई का नुकसान हो जाता है। बच्चों ने ये भी बताया कि इस पुल से गिरकर कई हादसे भी हो चुके हैं, छात्रों ने स्थानीय प्रशासन के साथ ही विधायक से उनके विस्थापन की गुहार लगाई है, साथ ही उनके गांव में इस बार नदी का कटाव न हो उसके लिए तटबंद बनाने की मांग भी उठाई है।
चुकुम गांव के पूर्व ग्राम प्रधान जशी राम का कहना है कि उनके गांव की ओर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया, अगर इस बरसात में गांव में तटबंध नहीं बनाया गया तो पूरा गांव नदी में समा जाएगा, उन्होंने कहा कि चुकुम गांव के विस्थापन के लिए प्रशासन ने 2016 में एक सर्वे भी किया था, प्रशासन की कई बैठकों के बाद तय किया गया कि जिस ग्रामीण के पास गांव में जितनी भूमि है, उन्हें उतनी ही भूमि और वर्ग 4 की भूमि पर रहने वाले प्रति परिवार के मुखिया को कुछ रकम देकर यहां से विस्थापित किया जाएगा लेकिन आज तक वो मामला भी लटका हुआ है।
तटबंद को लेकर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता तरुण कुमार बंसल ने कहा कि चुकुम गांव किनारे तटबंद बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, प्रस्ताव पास हो चुका है. जैसे ही पैसा आवंटित होगा कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट का कहना है कि चुकुम गांव का विस्थापन होना बेहद जरूरी है, बहुत सालों से इसकी प्रक्रिया चल भी रही है। विधायक का कहना है कि पिछली सरकार में भी उन्होंने शासन से मांग की थी, जिसके बाद प्रक्रिया प्रारंभ भी हुई थी, लेकिन किसी कारणवश वो आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने कहा कि फिर भी वो विस्थापना की मांग को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसको लेकर शासन स्तर पर लगातार बैठकें चल रही हैं। गांव किनारे तटबंध बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, इसको लेकर सवा करोड़ रुपये पास हो चुके हैं, जल्द ही पैसे आवंटित होने पर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
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