Birth Anniversary: ओडिशा के निर्माता कहे जाते है बीजू पटनायक, दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे इस पायलट के बेटे नें सालों से संभाल रखी है सीएम की गद्दी

रॉयल इंडियन एयर फोर्स में पायलट रहते हुए म्यांमार समेत कई युद्धग्रस्त क्षेत्रों में पटनायक ने दी अपनी सेवाएं 
 
biju patnaik

नई दिल्ली। जब देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी तब...भारतीयों के लिए एडवेंचर और रोमांस..करना नामुकिन था..लेकिन उस समय भी अपने प्रतिभा को बखूबी दिखाने वाले नेता बीजू पटनायक ने अपनी ही शादी में एयरोप्लेन उड़ाया और बारातियों को भी ससुराल ले गए..ओडिशा के निर्माता कहे जाने वाले बीजू पटनायक...एक राजनीतिज्ञ है और दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके है। इनके नाम पर बीजू पटनायक हवाई अड्डा है।
 
जीवन परिचय
बीजू पटनायक का जन्म 5 मार्च 1916 को गंजाम के भंज नगर में हुआ था। उनके माता पिता का नाम लक्ष्मीनारायण और आशालता पटनायक था। उनकी पत्नी ज्ञानवती सेठी भी प्रशिक्षित पायलट थीं। दोनों के तीन संताने हुई, प्रेम पटनायक, नवीन पटनायक और गीता मेहता।

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शिक्षा
उनकी शिक्षा ..कटक के रावेनशॉ कॉलेज में हुई। विमानन उद्योग में रुचि के कारण उन्होंने कॉलेज छोड़ ..एक पायलट का प्रशिक्षित लिया। पटनायक ने निजी एयरलाइनों के साथ उड़ान भरी लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू में वह रॉयल इंडियन एयर फोर्स में शामिल हो गए।

राजनीतिक जीवन
स्वतंत्रता सेनानी बीजू पटनायक ने कांग्रेस से अपनी सियासत शुरूआत की थी। पहली बार 1961 में और दूसरी बार 1990 में वह उड़ीसा के मुख्यमंत्री बने। वह 1977 से 1980 तक पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और चरण सिंह की सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। नेहरू से उनकी मित्रता और इंदिरा गांधी से उनके राजनीतिक मतभेद जगजाहिर हैं। 

पायलट के तौर कार्य 
1940 के दशक में उन्होंने रॉयल इंडियन एयर फोर्स में पायलट रहते हुए म्यांमार समेत कई युद्धग्रस्त क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी थीं देश के बंटवारे के बाद 1948 में पाकिस्तान के खिलाफ कश्मीर में युद्ध के दौरान पायलट के तौर पर उन्होंने अपने डकोटा डीसी-3 से भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट के 17 जवानों की टुकड़ी को श्रीनगर में उतारा, इस छोटी सी टुकड़ी ने वहां से घुसपैठियों को खदेड़ जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे में होने से बचाया।

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उपलब्धियां
बीजू पटनायक को 1996 में इंडोनेशिया के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर वहां के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार बितांग जसा उतान से सम्मानित किया गया। 2001 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बनी सुकर्णो की पुत्री मेघावती का नामकरण बीजू पटनायक ने ही किया था।

निधन
किसी लंबी बीमारी के बजाए विमान दुर्घटना में मरने की चाह रखने वाले वाले बीजू पटनायक का निधन 17 अप्रैल 1997 को हो गया।


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