Birth Anniversary:क्रिकेट, गोल्फ और घुड़सवारी के शौक़ीन थे माधवराव सिंधिया, दिग्गज नेता अटल बिहारी को भी दी थी मात

मध्यप्रदेश के चुनिंदा राष्ट्रीय राजनीतिज्ञों में माधवराव सिंधिया का स्थान काफी उपर है... अपने पिता की मृत्यु के बाद ग्वालियर के अंतिम नाममात्र के महाराज बने माधवराव सिंधिया राजनीति के लिए ही नहीं बल्कि क्रिकेट, गोल्फ और घुड़सवारी के भी शौक़ीन थे। आज उनके जन्मदिवस पर आइए जानते है उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.....
जीवन परिचय
माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को मुंबई में हुआ था। माधवराव सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया और जीवाजी राव सिंधिया के पुत्र थे।
व्यक्तिगत जीवन
उनका विवाह 8 मई 1966 को माधवी राजे सिंधिया (किरण राज्य लक्ष्मी देवी) से हुआ जो कि नेपाल के प्रधान मंत्री एवं, कास्की और लमजुंग के महाराजा, और गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती हैं। उनके पुत्र का नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है और पुत्री का नाम चित्रांगदा सिंधिया है।
शिक्षा
माधवराव सिंधिया ने अपनी शिक्षा सिंधिया स्कूल से की थी। सिंधिया स्कूल का निर्माण इनके परिवार द्वारा ग्वालियर में कराया गया था। उसके बाद माधवराव सिंधिया ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा प्राप्त की।
राजनैतिक जीवन
माधव राव सिंधिया ने 1971 में पहली बार चुनाव जीता तब वे महज 26 साल के थे। जिसके बाद वे एक भी चुनाव नहीं हारे। वे लगातार नौ बार लोकसभा के सांसद रहे। 1984 में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को ग्वालियर से चुनाव हराया। 1996 में, उन्होंने अर्जुन सिंह और अन्य कांग्रेस असंतुष्टों के साथ केंद्र में संयुक्त मोर्चा सरकार का हिस्सा बनने का अवसर दिया। वे 1990 से 1993 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
निधन
माधव राव सिंधिया की मृत्यु 30 सितंबर 2001 को मैनपुरी(यूपी) में एक हवाई जहाज दुर्घटना में हुई थी।
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