विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निकाला मशाल जुलूस, ऊर्जा मंत्री से लिखित समझौता लागू नहीं होने पर जताई नाराजगी
समाधान नहीं होने पर 72 घंटे की हड़ताल का दिया अल्टीमेटम

- रिपोर्टः गोपी सैनी
मुजफ्फरनगर। यूपी में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने लंबे समय से ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के बीच में अनावश्यक टकराव को टालने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की है। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर में संघर्ष समिति द्वारा आयोजित मशाल जुलूस के माध्यम से मंगलवार को विद्युत कर्मचारियों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए शासन-प्रशासन को चेताया। बाद में बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री से ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाए जाने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की गई। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्याओं का निदान न हुआ तो 16 मार्च की रात्रि से कर्मचारी अपने अधिकारों की खातिर 72 घंटे की घोषित हड़ताल पर जाने को विवश होंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि ऊर्जा मंत्री एवं मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ विगत 3 दिसंबर को लिखित समझौते का क्रियान्वयन न होने से कर्मियों में रोष व्याप्त है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा ऊर्जा निगम चेयरमैन एम देवराज का रवैया है,जो कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मानने से इंकार कर रहे हैं। ऊर्जा निगमों के चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि वें शक्ति भवन में उपस्थित रहते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से संघर्ष समिति की वार्ता में उपस्थित नहीं रहते। इस प्रकार वें ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के प्रति सार्वजनिक रूप से अनादर व्यक्त कर रहे हैं जिससे बिजलीकर्मियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
संघर्ष समिति द्वारा चेतावनी दी गई कि अगर 16 मार्च तक ऊर्जा मंत्री के साथ में हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया गया तो 16 मार्च में रात्रि 10 बजे से यूपी के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदा और संविदा कर्मी 12 घंटे की हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का पूर्ण उत्तरदायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।
समिति पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर लोकतांत्रिक ध्यानाकर्षण के कारण किसी भी बिजलीकर्मी का उत्पीड़न किया गया तो उसी समय प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने के साथ ही सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान संघर्ष समिति मुजफ्फरनगर से जुड़े इंजिनीयर आईपी सिंह, इंजीनियर अतुल यादव, इंजीनियर जगरोशन, कमल सिंह, गुलजार अहमद, इंजीनियर मुकेश मुकीम, पवन शर्मा, अंकित सिंह, नितिन अरोड़ा, बीबी गुप्ता, आरएन त्यागी, पूसी वर्मा, रमजित सिंह समेत सैंकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।
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