मुजफ्फरनगरः पारस जैन के पास बूजी हत्याकांड का 'अहम सबूत', जल्द कोर्ट में करेंगे पेश!

पूर्व खतौली पालिकाध्यक्ष ने मीडिया को दिखाई मरने से पहले दिए गए बयान की वीडियो
 
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  • अमित कुमार सैनी, संपादक

मुजफ्फरनगर। खतौली के पूर्व पालिकाध्यक्ष पारस जैन ने अमीर आज़म उर्फ बूजी हत्याकांड को लेकर मृतक के बयान की वीडियो मीडिया के समक्ष पेश करके राजनीतिक गलियार में हलचल मचा दी है। हालांकि पारस जैन ने ये वीडियो मीडिया को नहीं दी है, केवल अपने मोबाइल में प्ले करके मीडियाकर्मियों को दिखाई है, जिसमें तत्कालीन सीओ डीके मित्तल घायल अमीर आज़म से गोली मारने वाले का नाम पूछते नज़र आ रहे हैं और उत्तर में घायल किसी सुधीर का नाम बता रहा है।
शहर के रुड़की रोड पर स्थित ग्रीन एप्पल होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेस के दौरान पूर्व पालिकाध्यक्ष पारस जैन ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि 'साल 2015 में कस्बे में अमीर आज़म उर्फ बूजी नामक शख्स की हत्या हुई थी। ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है।' पारस जैन बताते हैं कि 'उस वक्त जैसे ही उन्हें किसी शख्स को गोली मारने की सूचना मिली थी तो चैयरमेन होने के नाते तुरंत अस्पताल पहुंचे थे, जहां पर तत्कालीन खतौली सीओ डीके मित्तल भी मौजूद थे। सीओ ने मरने से पहले उसके सामने ही अमीर आज़म उर्फ बूजी के बयान रिकॉर्ड किए थे।' पारस जैन का दावा है कि 'उसी दौरान उसने भी अपने मोबाइल से घायल और सीओ के बीच हो रही वार्ता को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया था, जिसमें घायल खुलेआम कस्बे के ही सुधीर नामक शख्स द्वारा गोली मारने का आरोप लगा रहा था।'

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मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते पूर्व नगरपालिकाध्यक्ष खतौली पारस जैन

पारस जैन का कहना है कि 'कोर्ट में ये मामला विचाराधीन है और इसमें अब अंतिम तौर की गवाही चल रही और निर्णय आना बाकी है। कोर्ट में सुनवाई के शुरूआती दौर में इस वीडियो को ओपनली प्ले करके दिखाई गई थी, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा गवाही के दौरान इसे पेश करने को कहा गया था।' पारस जैन कहते है कि 'चूंकि अब अंतिम दौर की गवाही चल रही है, बावजूद इसके उसे बयान अथवा वीडियो प्रूफ के लिए तलब नहीं किया गया, जिसकी वजह से वो खुद ही इस वीडियो के साथ कोर्ट में पेश होकर हत्याकांड के इस अहम सबूत को देंगे।'
मानव धर्म बताया कारण
पारस जैन ने मीडिया को बताया कि 'इस कार्य के पीछे केवल और केवल मानवता धर्म निभाना कारण है। क्योंकि उन्हें लगता है कि इस अहम सबूत से पीड़ित परिवार और मृतक बूजी को इंसाफ मिल सकता है।'
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, साल 2015 में अमीर आजम बूजी हत्याकांड में पिता-पुत्र को नामजद कराया गया था। अमीर आजम को घर बुलाकर गोली मारी गई थी। घायलावस्था में उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने पुलिस को बयान देने के कुछ देर बाद दम तोड़ दिया था।

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मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते पूर्व नगरपालिकाध्यक्ष खतौली पारस जैन

राजा वाल्मीकि हत्याकांड में आया था पारस का नाम!
आपको ये भी बता दें कि अमीर आजम बूजी हत्याकांड से इतर पूर्व पालिकाध्यक्ष पारस जैन के दामन पर बीजेपी नेता राजा वाल्मीकि की हत्याकांड के छींटे पड़े थे। हालांकि इस चर्चित केस में पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन परिजनों की गुहार के बाद कोर्ट ने पारस जैन को तलब कर लिया था। हाईकोर्ट से लेकर ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे। पिछले महीने ही इस मामले में पारस जैन के खिलाफ कोर्ट ने कुर्की के आदेश भी जारी किए थे। पारस जैन कुर्की के आदेश के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं हुए और आज खुलेआम मीडिया के समक्ष पेश होकर दूसरे मामले में पेंच फंसाते नज़र आए।

 


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