सैयद शहीद मीरा शाह पहलवान बाबा की दरगाह पर हुआ ‘नातिया मुकाबला’
प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने लिया भाग

लखनऊ। नात पढ़ना हज़रत हसन की सुन्नत है, नात सुनना रसूलुल्लाह की सुन्नत है और सहाबा की तारीफ करना रसूलुल्लाह की फरमाईश है। जो इस पवित्र, विधा से किसी भी प्रकार से संबंधित हैं। वे बधाई के पात्र हैं। नई पीढ़ी को नात के महत्व और उपयोगिता से अवगत कराना। पैगंबर और उनके साथियों के विषयों, शब्दावली, ऐतिहासिक घटनाओं, इस्लामी शिक्षाओं, ईश्वरीय आदेशों और कार्यों के अर्थ से परिचित होना भी आवश्यक है। इस तरह इस मुबारक विधा को पढ़ने से पाठक न केवल इस्लामी शिक्षाओं और ऐतिहासिक घटनाओं से अवगत होता है। बल्कि ये सवाब का स्रोत भी है।
नात शरीफ की प्रतियोगिता छात्रों के प्रशिक्षण और प्रेरणा का सबसे अच्छा साधन है। वे इसके माध्यम से पढ़ने की विधि के साथ-साथ मंत्रोच्चारण, उच्चारण और घटनाओं का अर्थ और महत्व भी जानते हैं। इसी भावना से चिनहट स्थित दरगाह सैयद शहीद मीरा शाह पहलवान बाबा में नात ख्वानी की वार्षिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जो सुबह 11 बजे से रात्रि 11 बजे तक चली। प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए आयोजकों ने उनको अलग-अलग ग्रुप और सत्र में बांटा।
पहले सत्र में विभिन्न संस्थानों की 55 छात्राओं ने भाग लिया। प्रथम चरण मे 42 छात्र शामिल हुए थे। पहले चरण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 10-10 छात्र-छात्राओं को दूसरे चरण में प्रदर्शन करने का मौका दिया गया। दूसरे राउंड में नात सुनाने के बाद अभ्यर्थियों से धार्मिक प्रश्न भी पूछे गए। ये चरण बहुत ही रोचक और प्रेरक था। जो अभ्यर्थी सवाल का जवाब नहीं दे पाए तो दर्शकों से सवाल पूछा गया, जिसमें बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी हिस्सा लिया। सही उत्तर देने वालों को विशेष उपहार भी दिए गए।
दरगाह के संरक्षक सैयद मोहम्मद अतीक शाह की देखरेख एवं सैयद मोहम्मद शफीक के संरक्षण और दरगाह कमेटी के सचिव डॉ खुशनामा अतीक के प्रबंधन में ये प्रतियोगिता बहुत सफल रही। सुबह शिक्षाविद् तमना रजा साहिबा द्वारा छात्राओं के लिए प्रतियोगिता के पहले चरण का उद्घाटन किया गया। उन्होंने सफल छात्राओं को विशेष पुरस्कार भी दिए। छात्रों के लिए प्रतियोगिता का उद्घाटन इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के सहाया निदेशक कृति विक्रम सिंह ने किया।
प्रतियोगिता संपन्न होने पर पुलिस अधीक्षक आईपीएस सुचिता चैधरी, पूर्व जिला जज केपी सिंह, जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष सैयद मुहम्मद हुसैन हाशमी, शाह नजफ मस्जिद के इमाम एवं खतीब मुफ्ती मुहम्मद अफ्फान कासमी, नदवी, अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी पत्रिका अरेबियन टाइम्स के संपादक इमरान खान, समाजसेवी अशफाक लाल, विनोद बाबा, अजीज सिद्दीकी, अनवर आलम, मुजीबुर रहमान, कस्तूरी सिंह आदि के हाथों सभी छात्र-छात्राओं को उपहार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। छात्राओं में माहिम बानो, उमरा खान और यासमीन सिद्दीकी और छात्रों में फजल हुसैन, रजा हुसैन और मोहम्मद अनस ने पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार जीता। इन छह छात्र-छात्राओं को विशेष उपहार भी दिए गए। प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को 5100-5100 रुपये का पुरस्कार भी दिया गया।
नबा शम्सी, शगुफ्ता सिद्दीकी, शबाना सिद्दीकी, मौलाना अबुल कलाम हाफिज मुहम्मद आरिफ आदि ने निर्णायक की भूमिका अदा की। प्रतियोगिता का संचालन और क्विज मास्टर का कार्य मोहम्मद गफरान नसीम ने किया। प्रतियोगिता में शादाब आलम, आमिर अहमद, महमूदुर रहमान पम्मू, सलाहुद्दीन शीबू, नुसरत जमाल प्रोबेशन ऑफिसर हाई कोर्ट आदि विशेष रूप से मौजूद थे। इस अवसर पर लंगर का भी आयोजन किया गया। सभी प्रतिभागियों को लंच एवं खाने के पैकेट भी वितरित किए गए।
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