आलू के समर्थन मूल्य पर छिड़ी सियासत, राकेश टिकैत बोले-1500 रूपये से कम दामों में किसानों को है नुकसान
किसानों को बचाने की जिम्मेदारी सरकार की हैः राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आलू का समर्थन मूल्य 650 रुपये प्रति कुंतल घोषित करने के बाद आलू पर सियासत छिड़ गई है जहां आलू के मूल्य को लेकर सपा ने योगी सरकार को घेरने का काम किया है। वही अब किसान नेता राकेश टिकैत ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये रेट कम है आलू किसान पूरा बर्बादी के कगार पर है व्यापारी सस्ते में आलू खरीद रहा है और उसको कोल्ड स्टोर में भर रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार के इस कदम पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आलू का समर्थन मूल्य 650 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया गया है। उससे ज़्यादा किसानों की लागत आ रही है। किसानों की लागत 950 रुपया प्रति कुंतल आ रही है और सरकार ने 650 रुपये घोषित किया। कई साल पहले 470 रुपये प्रति कुंतल किया था ये रेट कम है आलू का किसान पूरा बर्बादी की कगार पर है। ऐसे में किसान आत्महत्या के रास्ते पर जाएगा। सरकार को चाहिए कि सब्जी के नाम से जो ट्रेन चलती थी उसमें भाड़े में आलू वाली फसल लेकर जाते थे तो 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी। जो गोल्फ कंट्री में भी बंद कर रखा है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी गारंटी क़ानून स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर देगी तो 950 रूपये कुंतल का खर्चा है उस पर अगर 50 प्रतिशत जोड़े तो क़रीब 450 रुपये बैठता है। जिसकी वजह से किसानों 1400-1500 रुपये से कम दामों में किसानों को नुकसान है। जब सरकार अपना आलू 2800 से 3000 रूपये प्रति कुंतल सीड में बेचती है सरकार व्यवस्था ये करे कि किसानों को सब्सिडी दे।
राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी कुछ उन्होंने संज्ञान में लिया है ये 650 रूपये किया है। एमएसपी किया है लेकिन ये कम है ये बढ़ना चाहिए। आलू किसानों को कैसे बचाया जाएगा ये सरकारों की ज़िम्मेदारी है। भारत सरकार भी इसको संज्ञान में ले और प्रदेश सरकार भी संज्ञान में ले।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि ट्रेन चलवाए एक्सपोर्ट खोले सीधे सब्सिडी दे तभी किसान बच सकता है। ये ही हाल दूसरी सब्जियों में है ये ही महाराष्ट्र की प्याज़ का हाल है। ये ही टमाटर का हाल है राजस्थान का टमाटर का किसान हो या छत्तीसगढ़ का टमाटर का किसान हो या उत्तर प्रदेश हरियाणा का हो जो सब्ज़ी का किसान है वो भी बहुत बुरी स्थिति में है।
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