बदायूं: जनपद में शुरू हुआ देहदान अभियान, चिकित्सीय शोध के लिए आप भी दे सकते है अपना योगदान
यूपी में अब तक 3000 से अधिक लोगों ने भरा देहदान शपथ फार्म
Updated: Jul 13, 2023, 15:08 IST

बदायूं। बुधवार को जनपद में देहदान अभियान की शुरुआत हुई। पूरे प्रदेश में इस अभियान का "युग दधीचि देहदान अभियान के रूप में संचालन कर रहे मनोज सेंगर एवं माधवी सेंगर ने राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं में देहदान जागरुकता सेमिनार आयोजित कर अभियान का आगाज किया।
मुख्य वक्ता सेंगर ने बताया कि 15 नवम्बर 2003 को तत्कालीन राज्यपाल (उ.प्र.) आचार्य विष्णुकांत शास्त्री जी के आग्रह पर उनके सामने ही पत्नी व परिवार के सात सदस्यों ने देहदान शपथ लेकर अभियान प्रारम्भ किया। पहला देहदान 20 अगस्त 2006 में कानपुर देहात से इक्कीस वर्षीय बउआ दीक्षित ने किया था तब से अब तक 259 मृत देह प्रदेश के एक दर्जन से अधिक मेडिकल कॉलेजों को प्रदान की जा चुकी है जबकि 3000 से अधिक देहदान शपथ पत्र भरे जा चुके हैं।
माधवी सेंगर के परिवार से हुए तीन देहदान
अभियान की महासचिव माधवी सेंगर ने बताया कि वर्ष 2010 में अपनी माता सोन दाई देवी, 2019 में चाचा विपिन कुमार और इसी वर्ष 26 जून को अपने पिता दामोदर लाल दास का निधन होने पर उनका देहदान उन्होंने स्वयं अपने हाथों से किया है।
कराते है देह समर्पण संस्कार
अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने बताया कि देहदान के समय वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दीपक जला कर मृत देह की सात परिक्रमा गायत्री मंत्र, और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करने के बाद शांति पाठ एवं पुष्पांजलि करते हैं। प्रतिवर्ष दिवंगत देहदानियों की आत्मशांति के लिए उनका तर्पण और पिंडदान का आयोजन सार्वजनिक रूप से किया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. एन. सी प्रजापति ने कहा कि देहदान के लिए कॉलेज के एनाटॉमी विभाग से फार्म प्राप्त कर सकते हैं अथवा मनोज सेंगर के फोन न. 9839161790 पर फोन या वाट्सऐप करके भी देहदान फार्म प्राप्त किया जा सकता है। अतिथियों का आभार एनाटॉमी प्रमुख डॉ. एम. हुसैन ने व्यक्त किया गया यहां पर डा. मुकेश बंसल, डा. अजीत गंगवार, देहदानी जी. एस. राठौर सहित कॉलेज के छात्र उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता सेंगर ने बताया कि 15 नवम्बर 2003 को तत्कालीन राज्यपाल (उ.प्र.) आचार्य विष्णुकांत शास्त्री जी के आग्रह पर उनके सामने ही पत्नी व परिवार के सात सदस्यों ने देहदान शपथ लेकर अभियान प्रारम्भ किया। पहला देहदान 20 अगस्त 2006 में कानपुर देहात से इक्कीस वर्षीय बउआ दीक्षित ने किया था तब से अब तक 259 मृत देह प्रदेश के एक दर्जन से अधिक मेडिकल कॉलेजों को प्रदान की जा चुकी है जबकि 3000 से अधिक देहदान शपथ पत्र भरे जा चुके हैं।
माधवी सेंगर के परिवार से हुए तीन देहदान
अभियान की महासचिव माधवी सेंगर ने बताया कि वर्ष 2010 में अपनी माता सोन दाई देवी, 2019 में चाचा विपिन कुमार और इसी वर्ष 26 जून को अपने पिता दामोदर लाल दास का निधन होने पर उनका देहदान उन्होंने स्वयं अपने हाथों से किया है।
कराते है देह समर्पण संस्कार
अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने बताया कि देहदान के समय वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दीपक जला कर मृत देह की सात परिक्रमा गायत्री मंत्र, और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करने के बाद शांति पाठ एवं पुष्पांजलि करते हैं। प्रतिवर्ष दिवंगत देहदानियों की आत्मशांति के लिए उनका तर्पण और पिंडदान का आयोजन सार्वजनिक रूप से किया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. एन. सी प्रजापति ने कहा कि देहदान के लिए कॉलेज के एनाटॉमी विभाग से फार्म प्राप्त कर सकते हैं अथवा मनोज सेंगर के फोन न. 9839161790 पर फोन या वाट्सऐप करके भी देहदान फार्म प्राप्त किया जा सकता है। अतिथियों का आभार एनाटॉमी प्रमुख डॉ. एम. हुसैन ने व्यक्त किया गया यहां पर डा. मुकेश बंसल, डा. अजीत गंगवार, देहदानी जी. एस. राठौर सहित कॉलेज के छात्र उपस्थित रहे।
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