यूपी के अन्नदाताओं को मिली बड़ी सौगात, 462.80 करोड़ की फसल बीमा धनराशि किसानों के खातों में की ट्रांसफर
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्र सरकार का जताया आभार

लखनऊ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 23 मार्च कृषि मंत्री, भारत सरकार द्वारा लॉन्च ऑफ डीजी क्लेम मॉड्यूल का शुभारम्भ किया गया। नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा खरीफ 2022 मौसम के लिए उत्तर प्रदेश राज्य समेत 6 राज्यों के कृषकों को 1260.35 करोड़ क्षतिपूर्ति की धनराशि उनके बैंक खातों में फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से आहरित की गई। इसमें उत्तर प्रदेश के 903336 कृषकों की 462.80 करोड़ की धनराशि भी सम्मिलित है। ये धनराशि फसल पर कराए गए क्रॉप कटिंग इस्तमालों से प्राप्त उपज के आधार पर दी गए है।
प्रदेश में मध्यावस्था में आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में 2.18 लाख कृषकों को 134.25 करोड़ की धनराशि पहले ही बीमा कंपनियों द्वारा भुगतान की जा चुकी है। इस प्रकार खरीफ 2022 मौसम के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 597.05 करोड़ की धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में दी जा चुकी है।
कृषि मंत्री शाही द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री को किसानों के हित में चार महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में कृषकों द्वारा व्यक्तिगत क्षति की सूचना जो 72 घंटे में दी जानी होती है, उसे बढ़ाकर 4 से 5 दिन किया जाए। असफल बुवाई के अंतर्गत ग्राम पंचायत में 75 प्रतिशत इलाकों में बुवाई न होने के कारण क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्राविधान है, उसे घटाकर अगर 60 प्रतिशत कर दिया जाय तो अधिक कृषकों को लाभ मिलेगा और योजना में कृषकों की भागीदारी एवं विश्वसनीयता बढ़ेगी।
शाही ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ये सुनिश्चित किया जाए कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि की कटौती करने के बाद प्रीमियम की धनराशि बीमा कंपनी को निर्धारित समय अंतर्गत उपलब्ध करा दी जाए ताकि कृषक योजना के लाभ से वंचित न हो सकें। ये सुनिश्चित किया जाए कि पोर्टल के माध्यम से क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान कृषकों को फसल कटाई के एक माह के अंदर कर दिया जाए। कृषि मंत्री भारत सरकार द्वारा उपरोक्त सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सचिव, कृषि, भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव कृषि, उत्तर प्रदेश शासन, देवेश चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव भारत सरकार एवं भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, फसल बीमा योजना को संचालित करने वाले विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, बीमा कंपनी, बैंक एवं कामन सर्विस सेंटर (बेब) के अधिकारी उपस्थित रहे।
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