यहाँ मौजूद है माता हिंगलाज देवी का त्रिशूल,जाने कैसे पहुँचा यहां...

मंदिर की स्थापना करने वाले बाबा पुरुषोत्तम दास ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की 
 
 
f
  • रिपोर्ट- राम मिश्रा 
     

अमेठी। वैसे तो यूपी के जिले अमेठी में कई धार्मिक और पर्यटन स्थल मौजूद हैं लेकिन अमेठी के मुसाफिरखाना क्षेत्र मे स्थित मंदिर हिंगलाज धाम 51 शक्ति पीठों में एक है। इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कई जिलों के भक्तों के साथ-साथ कई बड़ी हस्तियां इस मंदिर पर अपना माथा टेक चुकी हैं। मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व हुई थी।

ADVT_STUDIO LAMBHA

साल के 12 महीना इस मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं

दरअसल,जिस पौराणिक और धार्मिक स्थल की हम बात कर रहे हैं वह हिंगलाज धाम मंदिर मुसाफिरखाना क्षेत्र के दादरा गांव में स्थित है। साल के 12 महीना इस मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर की स्थापना 600 वर्ष पूर्व तुलसीदास के शिष्य और समकालीन रहे बाबा पुरुषोत्तम दास ने की थी। मान्यता यह भी है कि मंदिर में मौजूद नीर से आंखों की बीमारी के साथ अन्य बीमारी से फायदा होता है. इसके साथ यहां पर माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना के लिए पूरी चढ़ती हैं.इसके साथ ही पुत्र रतन की प्राप्ति के लिए घंटिंया बांधकर मां भवानी से आराधना करती हैं।

प्रार्थना के बाद देवी मां ने प्रतीक के तौर पर पुरुषोत्तम दास को त्रिशूल सौपा

स्थानीय लोगों के अनुसार,हिंगलाज धाम में मंदिर की स्थापना करने वाले बाबा पुरुषोत्तम दास ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की थी और क्षेत्र की सुख शांति के लिए मां भवानी से आह्वान किया था। प्रार्थना के बाद देवी मां ने प्रतीक के तौर पर उन्हें त्रिशूल सौपा था जो आज भी मंदिर की गर्भगुफा में मौजूद है।


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप समाचार टुडे के Facebook पेज Youtube और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें। इसके साथ ही आप SamacharToday को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है।