रामलीला में चित्रकूट पर्वत पर प्रभु श्री राम माता सीता का श्रृंगार करते नजर आए
कौऐ ने माता के पैर पर मारी चोंच

- रिपोर्टर-Thakur Kapil Singh
बाराबंकी। चित्रकूट पर्वत पर प्रभु श्री राम माता सीता का श्रृंगार कर रहे है, इसी दौरान आकाश मार्ग से उड़ते हुए इंद्रपुत्र जयंत की नजर इस दृश्य पर पड़ती है और वह भ्रमित हो गए और मन ही मन सोचने लगे कि श्री राम ब्रह्मचारी कैसे हो सकते है और परीक्षा लेने के लिए कौवे का रूप धारण कर जानकी के चरणों में चोंच से प्रहार करते है, प्रभु श्री राम एक कुश को अभिमंत्रित करके जयंत पर छोड़ देते है, जयंत तीनों लोक भागते है, ब्रह्मा विष्णु, महेश से शरण मांगते है लेकिन किसी ने शरण नही दी।
भगवान श्री राम ऋषि अत्रि एवम अनुसुइया से मिलते है
इसी दौरान जयंत की मुलाकात नारद मुनि से होती है और उन्ही की प्रेरणा से जयंत पुन: श्री राम की शरण में पंहुचते है, प्रभु बोले कि अभिमंत्रित शक्ति के प्रभाव को कम किया जा सकता है और उन्होंने जयंत की एक आंख को फोड़कर उन्हे क्षमा प्रदान की, तत्पश्चात भगवान श्री राम ऋषि अत्रि एवम अनुसुइया से मिलते है।
अनुसुइया सीता जी को पतिव्रत धर्म की शिक्षा देती है
माता अनुसुइया सीता जी को पतिव्रत धर्म की शिक्षा देती है, एकई धर्म, एक व्रत नेमा, काम वचन, मन,पतिपद प्रेमा, हर स्त्री के लिए एक ही व्रत एक ही धर्म केवल पति चरणों की सेवा करती रहे, आगे मार्ग में विराध राक्षस मिला, सामने आते ही रघुनाथ ने उसे मार कर उद्धार किया, श्री राम के हाथ से मरते ही तुरंत सुंदर दिव्य रूप प्राप्त कर लिया, प्रभु ने उसे परमधाम भेज दिया।
रामलीला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकिया भी प्रस्तुत की गई
रामलीला मैदान पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकिया भी प्रस्तुत की गई, दर्शको की भीड़ ने लीला का आनंद लिया, इस दौरान लीला व्यास प्रमोद पाठक, सुखनंद, समिति प्रबंधक रामलखन श्रीवास्तव, शिव कुमार वर्मा, विनय सिंह, अंकित गुप्ता गोलू, राजू पटेल, राजेश गुप्ता कृष्णा, राकेश वर्मा, कुलदीप आदि लोग मौजूद रहे।
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