मथुरा में हत्या में राजीनामा नही करने पर दाना पानी बन्द,गाँव से बहिष्कार, बात करने पर 5100 जुर्माना

नरी गांव के पंचों ने पीड़ित परिवार को सुनाया तुगलकी फरमान

 
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  • रिपोर्ट-विष्णु शर्मा

मथुरा मथुरा में छाता तहसील के नरी गांव में एक समाज की पंचायत द्वारा पीड़ित लोगों पर जबरदस्ती दबाव बनाते हुए 302 के मुकदमे में राजीनामा करने को लेकर पंचायत की गई, गांव के मुखिया पंचों के द्वारा पीड़ित परिवार को 302 मुकदमे में राजीनामा करने के बारे में कहा गया, तो पीड़ित परिवार के राजीनामा को राजी नहीं हुए , बस इतनी बात से नाराज होकर गांव के सरपंचों के द्वारा पीड़ित परिवार के खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए उन्हें गांव से बहिष्कृत करने का फैसला ले लिया और फरमान सुनाया कि इस परिवार से कोई भी व्यक्ति न तो बोलेगा न यह परिवार किसी नल कुएं से पानी भरेगा और ना ही बच्चों को किसी स्कूल में पढ़ने दिया जाएगा और ना ही किसी दुकान से यह सामान खरीदेंगे और ना किसी डॉक्टर से इलाज कराएंगे इस परिवार से गांव का कोई भी व्यक्ति संबंध रखेगा। किसी के द्वारा इन नियम एवं शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो उसे भी सजा दी जाएगी।

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हत्या के आरोपी राजीनामा मानने को लेकर बनाते है दबाव- पीड़ित

वही पूरे मामले के बारे में पीड़ित कमलेश व अन्य के द्वारा बताया गया कि 4 /6/ 2022 को मेरे पिता बाबूलाल पुत्र खचेरा निवासी बुखरारी थाना कोसी कला की अपने ही निजी परिजनों के द्वारा खेत पर फावड़े से हत्या कर दी गई थी, जिसका मुकदमा थाना कोसीकला में पंजीकृत कराया गया। तभी से दोनों मुलजिम जेल में हैं, और मामला न्यायालय में विचार अधीन है। अभियुक्तगण आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। और अपराधी किस्म के लोगों के साथ उठते बैठे हैं। मेरी ससुराल नरी गांव में है मेरा गाँव बुखरारी है, आए दिन इन लोगों के द्वारा नाते रिश्तेदारों को लेकर के 302 आईपीसी के मुकदमे में राजीनामा मानने को लेकर दबाव बनाया जाता है। हमारे द्वारा हमारे परिवार के द्वारा राजीनामा करने से मना कर दिया गया मेरी मां बाटो भी बुखरारी से जान बचाकर मेरे पास नरी गांव में आ कर रह रही है। और इन लोगों के द्वारा रचे गए षड्यंत्र के तहत दिनांक 3/ 9 /2023 को बोडा थोक की चौपाल नरी गांव में षड्यंत्र रचते हुए शाम को चार पांच बजे आदती,राजवीर, करन, रम्मी रज्जी ,राजवीर वह अन्य लोगों गांव के पंच लोगों के द्वारा मेरे परिवार एवं परिजनों के खिलाफ तालिबान फरमान सुना दिया गया। कि जब तक यह लोग 302 के मुकदमे में राजीनामा नहीं करते हैं तब तक इस परिवार को गांव से पूरी तरह बहिष्कृत कर रखा जायेगा। बस इसी तालिबानी फरमान से परेशान होकर पुलिस,क्षेत्राधिकारी छाता गौरव त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारियों के कार्यालय पर गुहार लगाने के लिए आए हैं, कि या तो हमारी सुनवाई की जाए नहीं तो हम और हमारा यह परिवार गांव से पलायन को मजबूर है। वहीं पीड़ित लोगों की बातों को गंभीरता से सुन पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरव त्रिपाठी द्वारा मामले की निष्पक्ष Bजांच करने पर हर संभव मदद करने का पूरा भरोसा पीड़ित लोगों को दिया गया।


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