बाराबंकी में विद्यालयों में भेदभावपूर्ण स्थिति पर रोक लगाने हेतू डीएम कार्यालय को सौंपा ज्ञापन
अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने की डीएम से की मांग

- रिपोर्ट कपिल सिंह
बाराबंकी। पूरे देश एवं प्रदेश से मिशनरी विद्यालयों द्वारा हिंदू विद्यार्थियों के प्रति भेदभाव पूर्ण एवं असंवैधानिक व्यवहार किए जाने के समाचार दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए प्राप्त हो रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर तो अभिभावकों को अपूर्ण क्षति हुई है एवं बालक बालिकाओं ने असह्य प्रताड़ना न झेल पाने की स्थिति में आत्महत्या कर लिया है।
जनपद बाराबंकी के मिशनरी विद्यालयों में भी इस प्रकार की घटनाएं कई प्रकार कई बार संज्ञान में आई हैं। किंतु अभिभावकों की सभ्यता एवं सहजता के चलते एवं विद्यालय तथा प्रबंधन के द्वारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न किए जाने के आश्वासन पर मामलों को पंजीकृत नहीं किया गया।
"कलावा, राखी, मौली, टीका, तिलक, मेहंदी आदि हिंदू चिन्हों के प्रति तिरस्कृत भावना के चलते मिशनरी विद्यालयों द्वारा ऐसी कोई घटना बाराबंकी में न घटित होवे।" के विषय पर जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को एक प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें यह निवेदन किया गया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के द्वारा से जनपद बाराबंकी के समस्त विद्यालय एवं प्रबंधन समितियां को इस आशय का निर्देश जारी किया जाए कि सम्बंधित के विद्यालय में धार्मिक आधार पर विद्यार्थियों से भेदभावपूर्ण व्यवहार न किया जाए तथा ऐसी घटनाओं पर निषेध सुनिश्चित किया जा सके।
इस अवसर पर अभिषेक शरण गुप्त, देवेश शुक्ला, अनुराग शुक्ला, मनोज राजपूत , मनोज शुक्ला, शिवम निगम, प्रभात कुमार वर्मा, मनीष श्रीवास्तव, मनोज कुरील, अभिषेक सोनी, गौरव गुप्ता, दिवाकर सिंह सहित अधिवक्तागण समाज के विचारक चिंतक उपस्थित रहे।
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