नगरीय निकाय निदेशालय में ‘डॉग मैटर्स’ पर राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित
लखनऊ में देश का पहला ‘एनीमल बर्थ कन्ट्रोल’ प्रशिक्षण केन्द्र शीघ्र बनेगा

लखनऊ। गुरूवार को नगरीय निकाय निदेशालय के सभागार में ‘डॉग मैटर्स’ पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने की। सेमिनार को संबोधित करते हुए अमृत अभिजात ने कहा कि प्रदेश सरकार गुड गवर्नेंस की ओर बढ़ रही है और श्वानों की बढ़ती हुई संख्या एवं इससे उत्पन्न समस्या का बहुत ही सहानुभूति पूर्ण तरीके से समाधान निकाला जायेगा। इसके लिए उत्पन्न परिस्थितियों का अधिक से अधिक अध्ययन किया जायेगा। श्वान के रखरखाव का बेहतर प्रबंधन कैसे हो इस पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। साथ ही लखनऊ में देश का पहला ‘एनीमल बर्थ कन्ट्रोल’ प्रशिक्षण केन्द्र शीघ्र बनाया जायेगा। प्रदेश के समस्त नगर निगमों में श्वानों को बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए एनीमल बर्थ कन्ट्रोल (एबीसी) सेन्टर बनाये जायेंगे। लोगों को जागरूक करने साथ प्रशिक्षित भी किया जायेगा। साथ ही एबीसी नियम-2023 के तहत केन्द्र, राज्य एवं स्थानीय स्तर पर समिति बनाने के प्रस्ताव पर प्रत्येक जनपद में समिति बनाई जायेगी।
सेमिनार को सम्बोधित करते हुए विशेष सचिव नगर विकास डॉ0 राजेन्द्र पैंसिया ने कहा कि हमारे देश में बचपन से ही जीवों के प्रति दया का भाव रखना सिखाया जाता है। मानव और पशु के बीच संघर्ष न हो इस पर विशेष रूप से हमारी संस्कृति में जोर दिया गया है। अध्ययन में पाया गया है कि जहां खाद्य अपशिष्ट ज्यादा फेंके जाते हैं वहां पर स्वानों की संख्या ज्यादा बढ़ती है। इंसानों और स्वानों के बीच संतुलन बनाने के लिए इंसानी आबादी का कम से कम 3 प्रतिशत स्वान होना चाहिए।
सेमिनार में नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह , ‘ट्रस्टी पीपल फॉर एनीमल’ की गौरी मौलेखी, एडब्ल्यूबीआई की सहायक सचिव प्राची जैन, फिश वेलफेयर इनीसिएटिव इण्डिया के टॉम बिलिंग्टन ने श्वानों और श्वानों के सामाजिक महत्व पर अपने अपने विचार रखे।
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