रामपुर हाउंड पर जारी हो चुका है डाक टिकट, वर्ल्ड डॉग फेडरेशन में रजिस्टर्ड है भारत की यह एक मात्र डॉग ब्रीड

नवाब अहमद अली खां ने तैयार कराई थी रामपुर हाउंड कुत्तों की नस्ल

 
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  • रिपोर्ट-शाहबाज़ खान

रामपुर। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रूहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां ने रामपुर हाउंड को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि रामपुर हाउंड की ऊंचाई 56-76 सेमी (22-30 इंच), वज़न 23-32 किग्रा (51-71 पौंड), परत छोटा और जीवनकाल 10-12 साल माना गया है। रामपुर ग्रेहाउंड एक छोटे बालों वाला, शक्तिशाली रूप से निर्मित साईथाउंड है, जो दिखने में स्लोगी जैसा दिखता है। उन्होंने बताया कि नवाब अहमद अली खान शिकार के शौकीन थे। 1794 से 1840 तक रामपुर में उनका शासन रहा। तब रामपुर के आसपास वन क्षेत्र था, जिसमें बहुत से जानवर थे। इनके शिकार के लिए नवाब ने कुत्तों की नई नस्ल तैयार कराई थी, जिसका नाम भी रामपुर के नाम पर रामपुर हाउंड रखा गया। रामपुर हाउंडं शिकारी कुत्ता है, जो चीते की तरह तेज दौड़ता है। केंद्र सरकार ने 2005 में रामपुर हाउंड पर डाक टिकट भी जारी किया है। मध्यप्रदेश पुलिस ने तो पिछले दिनों इसे अपने डाग स्क्वाड में शामिल किया है।

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काशिफ खां ने बताया कि भारत की यह एक मात्र डॉग ब्रीड है, जो कि वर्ल्ड डॉग फेडरेशन में रजिस्टर्ड है। 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पांच छह किलोमीटर दौड़ने की ताकत रखने वाली इस नस्ल के रामपुर शहर में ही 6000 कुत्ते हुआ करते थे। लेकिन मौजूदा समय में रामपुर में इस नस्ल के कुत्ते ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलते हैं।


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