बाराबंकी रामलीला में शबरी उद्धार, श्री राम हनुमान मिलन एवम बालि वध

- रिपोर्टर-Thakur Kapil Singh
बाराबंकी। नगर की प्राचीन रामलीला में शबरी उद्धार, श्री राम हनुमान मिलन एवम बालि वध का सजीव मंचन किया गया, लीला के प्रारंभ में ऋषि दुर्वासा के श्राप के कारण कबंध राक्षस बन गया जिसका श्री राम उद्धार करते है, तत्पश्चात शबरी के आश्रम पहुँच प्रभु राम ने शबरी की भक्ति स्वीकार करके नव प्रकार के भक्ति के मार्ग बताकर नवंधा भक्ति का सुंदर उपदेश देकर सीता जी का पता पूछने के लिए भेजा। इस दौरान शबरी के बतलाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए प्रभु ऋष्यमूक पर्वत पंहुचने से पहले विप्ररूप में हनुमान से मिलते है, जिसके बाद हनुमान जी एवं राम का मिलन होता है, जीवात्मा सुग्रीव से परमात्मा राम की मित्रता हनुमान जी करवाते है।
श्रीराम बालि से सुग्रीव को युद्ध के लिए कहा
अगले दृश्य में प्रभु राम के पूछने पर सुग्रीव ने पर्वत पर रहने का कारण बताया कि भाई बालि के द्वारा सुग्रीव का सर्वस्व हरने के बाद अब वह पर्वत पर ही निवासित है, सुग्रीव के द्वारा बतायी गयी बाते सुनते ही श्रीराम बालि से सुग्रीव को युद्ध के लिए कहते है, और मित्रता धर्म निभाते हुए बालि का वध कर देते है इस दौरान बालि की पत्नी तारा विलाप करती है, बालि अपने अंतिम समय में अपने पुत्र अंगद को प्रभु के हाथो सौंपने हुए कहता है कि प्रभु यह मेरा पुत्र मेरे ही समान बलवान है इस पर अपना आशीष बनाए रखिए, सफल मंचन देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी रही।
बालि के रूप में संदीप सिंह एवम सुग्रीव के रूप में कार्तिक रस्तोगी ने निभाई,लीला व्यास की मधुर वाणी में चौपाइयों के अनुसार लीला संपन्न कराई गई, रूप सज्जा नितेश मिश्रा के द्वारा की गई, इस दौरान अनिल अग्रवाल, रामलखन, शिवकुमार, विनय सिंह, रमेश कुरील, अमर सिंह, रजत त्रिवेदी, प्रशांत सिंह, कुणाल, करन आदि लोग मौजूद रहे।
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